क्रांति गोड ने बताया कि भारतीय टीम जब महिला वर्ल्ड कप 2025 में लगातार तीन मैच हार गई थी तब हेड कोच अमोल मजूमदार का गुस्सा खिलाड़ियों को झेलना पड़ा था. लेकिन इस गुस्से ने खिलाड़ियों को अच्छा खेलने के लिए प्रेरित किया. युवा तेज गेंदबाज ने स्पोर्ट्स तक से बातचीत में यह जानकारी दी. मध्य प्रदेश से आने वाली इस खिलाड़ी ने भारत को पहली बार विजेता बनाने में अहम रोल निभाया. उन्होंने टूर्नामेंट में नौ विकेट लिए. भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को नवी मुंबई में खेले गए फाइनल में 52 रन से मात दी और महिला वर्ल्ड कप 2025 का खिताब जीता.
भारतीय टीम को ग्रुप स्टेज में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका से लगातार तीन हार मिली थी. इससे भारत का सेमीफाइनल में जाना मुश्किल में पड़ गया था. लेकिन हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली टीम ने न्यूजीलैंड और बांग्लादेश को हराकर अंतिम-चार में जगह बनाई. क्रांति ने लगातार तीन हार के बाद के माहौल के बारे में कहा, 'हम लोग वो तीन मैच खेले और फिर सर (अमोल मजूमदार) को थोड़ा गुस्सा आया. फिर सर ने हमें फटकारा. लेकिन सर का गुस्सा बनता है क्योंकि हम तीनों मैच हारे. फिर सर ने गुस्सा किया तो हमने कमबैक भी किया.'
क्रांति बोली- क्रिकेट में बढ़ेगी लड़कियों की रुचि
क्रांति मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के घुवाड़ा की रहने वाली है. वह जहां से आती है वहां क्रिकेट खेलने वाली लड़कियों की संख्या काफी कम है. क्रांति को भी संयोग से लेदर गेंद से खेलने का मौका मिला था. उन्होंने भारतीय टीम की सफलता के बारे में कहा कि इससे क्रिकेट में लड़कियों की रुचि बढ़ेगी. क्रांति ने कहा, 'मेरे पास एक फोटो आई है. इसमें छोटी-छोटी बच्चियां यूनिफॉर्म पहनकर खेलने के लिए मैदान जा रही हैं. यह देखकर काफी अच्छा लगा. छोटे-छोटे शहरों से लड़कियां आगे आएंगी.'
क्रांति गोड को मध्य प्रदेश सरकार से मिलेंगे एक करोड़ रुपये
वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने क्रांति को एक करोड़ रुपये देने का ऐलान किया. एमपी के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, 'जिस तरह से हमारे राज्य और देश की बेटियों ने कल रात को क्रिकेट में जोरदार प्रदर्शन किया उसके लिए मैं सभी को बधाई देता हूं. मध्य प्रदेश की बेटी क्रांति गोड भी महिला वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा थी. मैं क्रांति को बधाई देती हूं और उसे राज्य सरकार की तरफ से एक करोड़ रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा.'

