कभी कपड़े की गेंद से खेलने वाली लड़की ने कैसे भारत को बनाया वर्ल्‍ड चैंपियन? दुनिया के धाकड़ बल्‍लेबाज भी खाते हैं खौफ

कभी कपड़े की गेंद से खेलने वाली लड़की ने कैसे भारत को बनाया वर्ल्‍ड चैंपियन? दुनिया के धाकड़ बल्‍लेबाज भी खाते हैं खौफ
रेणुका ठाकुर

Story Highlights:

रेणुका ठाकुर बचपन में कपड़े की गेंद से खेला करती थी.

रेणुका के पिता क्रिकेट प्रेमी थे.

हरमनप्रीत कौर की सेना ने मिलकर भारत के खिताबी सूखे को खत्‍म करते हुए वीमेंस वर्ल्‍ड कप 2025 का खिताब जीत लिया. भारत ने पहली बार आईसीसी ट्रॉफी जीती. पूरे देश को इस ट्रॉफी का कई दशकों से बेसब्री से इंतजार था. इससे पहले दो बार खिताब के करीब पहुंचकर भी टीम ट्रॉफी नहीं उठा पाई थी, मगर अब देश का इंतजार खत्‍म हो गया. फाइनल में भारत ने साउथ अफ्रीका को 52 रन से मात दी.

रेणुका ने पिता के सपने को किया पूरा

सुनीता ने आगे यह भी कहा कि उनके पति क्रिकेट प्रेमी थे और चाहते थे कि रेणुका इस खेल में देश का नाम रोशन करे. उन्‍होंने कहा कि मेरे पति क्रिकेट प्रेमी थे और उनकी इच्छा थी कि उनके बच्चों में से कोई एक खेल में जाए. आज भले ही वह हमारे साथ नहीं है, लेकिन मेरी बेटी ने उनके सपनों को पूरा किया है.

कपड़े की गेंद से खेलती थी रेणुका

उन्होंने कहा कि रेणुका को शुरू से ही क्रिकेट खेलने का शौक था और वह बचपन से ही लड़कों के साथ यह खेलती थीं. जब वह छोटी थी, तब कपड़े से गेंद बनाकर लकड़ी के बल्ले से खेला करती थीं. शिमला की ठाकुर परिवार ने विश्व कप में जीत का जश्न मनाने के लिए सोमवार को पूरे गांव को दावत दी. सुनीता ने फाइनल से पहले रेणुका से बात की थी और कहा था कि आज अपने लिए नहीं, बल्कि देश के लिए खेलो और विश्व कप जीतो.

तीन साल की उम्र में सिर से उठ गया था पिता का साया

रेणुका जब सिर्फ तीन साल की थी, तब उनके पिता केहर सिंह ठाकुर का निधन हो गया था. सुनीता ने बताया कि रेणुका के चाचा ने ही उनके टैलेंट को पहचाना और उन्हें क्रिकेट में आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने रेणुका को धर्मशाला स्थित क्रिकेट अकादमी में डाला, जहां इस तेज गेंदबाज के क्रिकेट करियर की शुरुआत हुई.