भारतीय महिला टीम ने साउथ अफ्रीका को हराकर वनडे वर्ल्ड कप 2025 का खिताब जीत लिया है. यह भारतीय महिला टीम की पहली आईसीसी ट्रॉफी है. भारत की यह ऐतिहासिक जीत शेफाली वर्मा के नाम रही, जो इस टूर्नामेंट के शुरुआती स्क्वॉड का हिस्सा नहीं थी, मगर प्रतिका रावल के चोटिल होने के बाद उन्हें स्क्वॉड में शामिल किया गया, जिसके बाद वह सेमीफाइनल और फाइनल खेलीं.
नेट सत्र में बिताया सबसे अधिक समय
शेफाली ने सेमीफाइनल में पहले भारतीय टीम में शामिल होने के बाद नेट सत्र में सबसे अधिक समय बिताया था और फाइनल में इस 21 साल की खिलाड़ी ने अपनी पारी से प्रतिभा का लोहा मनवाया. मजूमदार ने कहा कि ऐसा नहीं है कि शेफाली आज ही टीम में आयी हैं. वह सिर्फ वनडे फॉर्मेट में पिछले कुछ महीने से टीम का हिस्सा नहीं थी.वह टी20 इंटरनेशनल तो खेल ही रही थी और इंग्लैंड के हालिया दौरे पर भी हमारे साथ ही थी.
गेंदबाजी के बारे में बातचीत
उन्होंने कहा कि शेफाली से गेंदबाजी के बारे में हमने बातचीत की थी, क्योंकि वह घरेलू क्रिकेट में लगातार गेंदबाजी कर रही थी. हमें पता था कि वह जरूरत पड़ने पर कुछ ओवर डाल सकती है, लेकिन इस मैच में उन्हें गेंदबाजी पर लाने का सारा क्रेडिट कप्तान हरमनप्रीत को जाता है.
बल्लेबाज को छठे गेंदबाज की पूरी करनी थी कमी
मजूमदार ने कहा कि टूर्नामेंट से पहले ही बल्लेबाजी को मजबूत रखने के लिए यह तय हो चुका था कि किसी बल्लेबाज को छठे गेंदबाज की कमी पूरी करनी होगी. उन्होंने कहा कि टूर्नामेंट से पहले हमने इस बारे में बात की थी कि टीम में अगर छठा गेंदबाज आयेगा तो एक बल्लेबाज कम हो जायेगा ऐसे में किसी को उसकी भरपाई करनी होगी.

