'मुझे सबसे सफल कोच नहीं बनना', गौतम गंभीर का ऑस्ट्रेलिया टी20 सीरीज से पहले हैरान करने वाला बयान

'मुझे सबसे सफल कोच नहीं बनना', गौतम गंभीर का ऑस्ट्रेलिया टी20 सीरीज से पहले हैरान करने वाला बयान
Gautam Gambhir in this frame

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गौतम गंभीर जुलाई 2024 में भारतीय टीम के हेड कोच बने थे.

गौतम गंभीर के रहते भारत ने एशिया कप 2025 का खिताब जीता.

गौतम गंभीर का कहना है कि वह भारत को निडर टीम बनाना चाहते हैं.

भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर का कहना है कि उनका लक्ष्य सबसे सफल कोच बनना नहीं है. वह सबसे निडर टीम बननाा चाहते हैं. गौतम गंभीर का यह बयान भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच टी20 मैचों की सीरीज से पहले आया है. यह सीरीज 29 अक्टूबर से शुरू होनी है. टी20 वर्ल्ड कप 2026 से पहले भारत के लिए यह पांच मुकाबले अहम रहने वाले हैं.

गंभीर ने कहा कि वह चाहते हैं कि भारतीय टीम हारने से न डरें. उन्होंने कहा कि कप्तान सूर्यकुमार यादव से उनकी यह बात होती है कि किस तरह से खिलाड़ी निडर होकर खेल सकें. जियोहॉटस्टार से बात करते हुए गंभीर ने कहा, 'हमारी पहली बातचीत में ही हम सहमत हो गए थे- हम हारने से नहीं डरेंगे. मैं सबसे सफल कोच बनने का लक्ष्य नहीं रखता हूं. मैं चाहता हूं कि हम सबसे निडर टीम बनें.'

गंभीर बोले- यह सूर्या की टीम है

 

भारतीय टीम के हेड कोच ने कप्तान सूर्या की तारीफ करते हुए कहा कि यह उनकी टीम है. वह एक कमाल के लीडर हैं. गंभीर ने कहा, 'सूर्या बहुत अच्छा इंसान है और अच्छे लोग अच्छे लीडर बनते हैं. वह मेरी खूब तारीफ करता है, मेरी भूमिका खेल को समझते हुए उनको सलाह देने तक ही है. आखिर में तो यह उनकी ही टीम है. उनका जोश से भरा चरित्र पूरी तरह से टी20 क्रिकेट के मुफीद है. मैदान से बाहर का व्यक्तित्व ही मैदान और ड्रेसिंग रूम में दिखता है और सूर्या ने पिछले डेढ़ साल में इस माहौल को अच्छे तरीके से बनाए रखा है.'

गंभीर ने क्यों कहा खिलाड़ियों से होंगी गलती

 

गंभीर ने कहा कि टीम के निडर बनने की प्रक्रिया के दौरान खिलाड़ी गलतियां करेंगे. उन्होंने बताया, 'एशिया कप फाइनल जैसे बड़े मैचों में मैंने खिलाड़ियों से कहा कि कैच छूटता है, खराब शॉट लगाया या खराब गेंद फेंकी तो कोई बात नहीं. इंसानों से गलतियां होती हैं. ड्रेसिंग रूम में जो लोग मौजूद हैं उनकी बातों का ही मतलब है. सूर्या और मैं इस बात पर सहमत हैं कि हम गलतियों से नहीं डरेंगे. जितना बड़ा मैच होगा उतना ही ज्यादा हम निडर और आक्रामक होंगे. रुढ़िवादी सोच से केवल विरोधी को ही फायदा होता है.'