'रोहित-कोहली सिर्फ रिकॉर्ड्स बुक में नहीं रहेंगे, ये दोनों...', ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ने भारत के पूर्व कप्तानों को जमकर सराहा

'रोहित-कोहली सिर्फ रिकॉर्ड्स बुक में नहीं रहेंगे, ये दोनों...', ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ने भारत के पूर्व कप्तानों को जमकर सराहा
Virat Kohli and Rohit Sharma (File Photo)

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ग्रेग चैपल का कहना है कि कोहली ने भारतीय क्रिकेट टीम को बदला.

रोहित शर्मा के लिए ग्रेग चैपल ने कहा कि उनका करियर खेल व जीवन में टाइमिंग की महत्ता बताता है.

विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती थी.

भारत के पूर्व हेड कोच ग्रेग चैपल ने विराट कोहली और रोहित शर्मा को उनके आखिरी ऑस्ट्रेलियाई दौरे के दौरान सराहा है. उन्होंने कहा कि भारत के दोनों पूर्व कप्तानों की विरासत सिर्फ आंकड़ों में नहीं है. चैपल ने कहा कि विराट कोहली ने अपने जुनून और व्यक्तिगत आंकड़ों के ऊपर टीम को तरजीह दी. वहीं रोहित शर्मा की विनम्रता और गरिमा उन्हें सम्मान दिलाती है. ये दोनों हमेशा फैंस के दिलों में रहेंगे.

चैपल ने  ESPN Cricinfo के लिए लिखे अपने लेख में लिखा, 'अब जब क्रिकेट की दुनिया आगे बढ़ रही है और नए नाम उभर रहे हैं. नए कप्तान नेतृत्व करेंगे. लेकिन कोहली-रोहित का युग हमेशा न केवल रिकॉर्ड बुक बल्कि हरेक फैन के दिलों में रहेगा.' 

कोहली के लिए ग्रेग चैपल ने क्या लिखा

 

ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेटर रहे चैपल ने कहा कि कोहली ने भारतीय क्रिकेट को बदला है. उनके आने से पहले भारत में व्यक्तिगत रिकॉर्ड्स को तरजीह दी जाती थी. लेकिन कोहली ने ऐसा करना बंद किया. चैपल ने लिखा, 'कोहली केवल एक बल्लेबाज भर नहीं है, वह एक आंदोलन है. उन्होंने वह किया जो बहुत कम लोग कर पाते हैं. उनके पास एक योद्धा की मानसिकता है. उन्होंने भारत की वनडे टीम को तेज, फोक्स्ड और घर व बाहर जीत के लिए खेलने वाली एक फिट टीम में बदल दिया. कोहली का जुनून, किसी भी बात को मानने से इनकार, आंकड़ों से ऊपर विरासत पर भरोसा उनकी पहचान है. रोहित की शिष्टता, विनम्रता हमें बताती है कि क्रिकेट हो या जीवन टाइमिंग सबसे अहम होती है.'

चैपल बोले- कोहली ने आंकड़ों नहीं नतीजों पर ध्यान दिया

 

चैपल ने कहा कि अपने से पहले वाले क्रिकेटर्स की तुलना में कोहली आंकड़ों को बढ़ाने पर ध्यान नहीं देते थे. उन्होंने लिखा, 'कोहली को यह बात पूरी तरह से अलग बनाती है कि उनसे पहले जो लेजेंडस आए थे वे उनकी तरह निजी आंकड़ों पर ध्यान नहीं देते थे. दुनिया शतकों की तारीफ करती है. कोहली ने केवल नतीजों पर ध्यान दिया. भारतीय क्रिकेट में व्यक्तिगत उपलब्धियां अक्सर सुर्खियों में रहती है लेकिन कोहली ने इससे अलग रहना चुना.'