विराट कोहली ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया में किस वजह से वह अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन करते थे. उन्हें इसके लिए कहां से प्रेरणा मिली. विराट कोहली ने पर्थ वनडे से पहले फॉक्स क्रिकेट से बात करते हुए बताया कि जब वे खेलना शुरू कर रहे थे तो ऑस्ट्रेलियाई टीम को जिस रौबीले अंदाज में खेलते और लड़ते-भिड़ते देखते उससे उन्हें भी प्रेरणा मिली कि इसी तरह से खेलना है. विराट कोहली ने इस बारे में भी बताया कि शुरुआती सालों में उनके और ऑस्ट्रेलियाई फैंस के बीच रिश्ते तनातनी वाले थे लेकिन बाद में किस तरह से उन्हें तारीफें मिलीं.
कोहली ने एडम गिलक्रिस्ट और रवि शास्त्री से बात करते हुए कहा, 'हम लोग सुबह उठकर ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टेस्ट मैच देखा करते थे. तब दिखता था कि गेंद पिच से काफी उछल रही है और विरोधी टीम आप पर हावी है. और मुझे लगता था कि वाह, अगर मैं इन हालात में इस टीम के खिलाफ ऐसा कर पाया तो एक क्रिकेटर के तौर पर मुझे काफी गर्व महसूस होगा. दोनों टीमों के दिग्गजों को खेलते हुए देखकर शुरू से ही मेरे मन में यह प्रेरणा थी.'
कोहली बोले- ऑस्ट्रेलियाई टीम विरोधी पर रहती है हावी
कोहली ने बताया कि बचपन में ही उन्होंने भांप लिया था कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स विरोधी टीम को दबाने के लिए डराने-धमकाने पर भरोसा करते थे. उन्होंने यह बात सीख ली. कोहली ने बताया, 'वे हर समय आप पर हावी होते थे, डराने की कोशिश करते और खेल में चढ़े रहते. इस बात ने मुझे काफी प्रभावित किया कि ऑस्ट्रेलिया जाकर इसी तरह का करना है. इस बात ने एक क्रिकेटर और इंसान के तौर पर मुझे तैयार किया.'
विराट कोहली ने बताया कैसे ऑस्ट्रेलियाई फैंस का सामना करना सीखा
भारत के पूर्व कप्तान ने बताया कि जब वे करियर की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया में खेलने आए थे तब फैंस का बर्ताव काफी आक्रामक था. इस पर उन्हें इंग्लैंड के दिग्गज केविन पीटरसन की सलाह से मदद मिली. बकौल कोहली, 'एक बार जब आप दर्शकों के हमले झेलने लगते हैं तो फिर बच नहीं पाते. आपको हर दिन उनका सामना करना होता है. पीटरसन की सलाह ने इस बारे में मदद की. उन्होंने कहा कि आपको ऐसा लगेगा कि वे आपके पीछे पड़े हैं लेकिन उनके दिल और दिमाग में इस बात के लिए तारीफ होती है कि आप सामना कर रहे हैं और उसी तरह का क्रिकेट खेल रहे हैं. इसलिए इसे पर्सनली मत लेना. इसे दिल से मत लगाना. अगर वहां जाकर प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलोगे तो अहसास होगा कि एक क्रिकेटर के तौर पर आप कितने अच्छे हो सकते हैं और करियर में बाद में पता चलेगा कि उन्होंने कितनी मदद की है.'