मेलबर्न में टीम इंडिया ने ये 5 गलतियां नहीं की होती तो आखिरी दिन 211 रन के लक्ष्य का पीछा करता भारत
ऑस्ट्रेलिया ने मेलबर्न टेस्ट में 333 रन की बढ़त हासिल कर ली है. चौथे दिन का खेल समाप्त होने तक ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी में 9 विकेट पर 228 रन बना लिए हैं.
ऑस्ट्रेलिया ने मेलबर्न टेस्ट में 333 रन की बढ़त हासिल कर ली है. चौथे दिन का खेल समाप्त होने तक ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी में 9 विकेट पर 228 रन बना लिए हैं. इतना तो तय हो गया है कि इस मुकाबले में रोहित शर्मा एंड कंपनी को 334 रन से ऊपर का टारगेट मिलेगा, लेकिन अगर भारतीय टीम पांच गलती नहीं करती तो टीम को आखिरी दिन 211 रन का टारगेट मिलता.
चौथे दिन ऑस्ट्रेलियाई ओपनर उस्मान ख्वाजा जब दो रन पर खेल रहे थे, उस वक्त यशस्वी जायसवाल ने जसप्रीत बुमराह की गेंद पर उनका कैच छोड़ दिया. इसके बाद ख्वाजा 21 रन पर मोहम्मद सिराज की गेंद पर बोल्ड हुए.
जायसवाल ने इसके बाद 40वें ओवर में मार्नस लाबुशेन का कैच छोड़ दिया. आकाशदीप की गेंद को लाबुशेन ने गली के पार पहुंचाने की कोशिश की, मगर गेंद जायसवाल के पास चली गई, जो इसे लपक नहीं पाए. लाबुशेन को जब जीवनदान मिला, उस वक्त वो 46 रन पर खेल रहे थे. इसके बाद उन्होंने 70 रन बना दिए.
जायसवाल के पैट कमिंस का भी कैच छोड़ा. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान कमिंस जब 21 रन पर खेल रहे थे, उस वक्त रवींद्र जडेजा की गेंद पर जायसवाल ने कमिंस का कैच छोड़ दिया. गेंद उनके पैरों से निकलकर पीछे चल गई. कमिंस ने इसके बाद 46 रन बनाए. तीनों बल्लेबाजों ने जीवनदान मिलने के बाद कुल मिलाकर 68 रन और बनाए.
टीम इंडिया की चौथी गलमी निचले क्रम के बल्लेबाज को आउट ना कर पाना भी रहा. ऑस्ट्रेलिया ने अपने 9 विकेट 173 रन के स्कोर पर गंवा दिए थे, मगर इसके बाद चौथे दिन स्टंप तक 228 रन बना लिए. नाथन लायन और स्कॉट बोलैंड ने मिलकर आखिरी विकेट के लिए 55 रन की पार्टनरशिप की ली. दिन के आखिरी ओवर में जसप्रीत बुमराह ने दो बॉल फेंकी, जिसमें से एक पर केएल राहुल ने नाथन लायन का कैच लपका था.
रोहित शर्मा की खराब कप्तानी भी टीम इंडिया को मिलने वाले बड़े टारगेट की वजह है. निचले क्रम के बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को मजबूत बढ़त दिलाई. निचले क्रम के बल्लेबाजों को जल्दी पवेलियन भेजने के लिए रोहित ने करीब फील्डिंग सेट की बजाय दूर की.
तीन कैच छूटने के बाद बने कुल 68 रन और लायन-बोलैंड की 55 रन की पार्टनरशिप को मिलाकर 123 रन वो रन है, जिसे टीम इंडिया बचा सकती थी. अगर ये रन बच जाते तो ऑस्ट्रेलिया के पास 210 रन की ही बढ़त होती और टीम इंडिया को जीत के लिए 211 रन का टारगेट मिलता.