टीम इंडिया को बॉर्डर- गावस्कर ट्रॉफी में बड़ा झटका लगा है क्योंकि भारतीय टीम को दूसरे टेस्ट में करारी हार का सामना करना पड़ा. पर्थ टेस्ट पर 295 रन से कब्जा करने के बाद ऐसा लग रहा था कि हर खिलाड़ी फॉर्म में आ चुका है लेकिन एडिलेड टेस्ट में कुछ ऐसा हुआ जिसने सभी को चौंका दिया. ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने भारतीय टीम के गेंदबाजों और बल्लेबाजों को करारा जवाब दिया और दूसरे टेस्ट पर 10 विकेट से कब्जा कर लिया. लेकिन इससे ठीक पहले भारतीय टीम अपने सबसे अहम बल्लेबाज विराट कोहली की फॉर्म को लेकर परेशान है. इस बीच ब्रिसबेन टेस्ट से पहले विराट की चिंता और बढ़ चुकी है.
कोहली ने बनाए हैं सिर्फ 20 रन
विराट कोहली ने ब्रिसबेन के मैदान पर अब तक सिर्फ एक टेस्ट खेला है. ये टेस्ट उन्होंने साल 2014 के बॉर्डर- गावस्कर ट्रॉफी के दौरान खेला था. इस मुकाबले में कोहली बुरी तरह फ्लॉप रहे थे. कोहली का रिकॉर्ड ब्रिसबेन के मैदान पर बेहद खराब रहा है. विराट ने पहली पारी में सिर्फ 19 रन बनाए थे और उनका विकेट जोश हेजलवुड ने लिया था. वहीं दूसरी पारी में भी विराट कुछ खास नहीं कर पाए थे और सिर्फ 1 रन बनाकर चलते बने थे. विराट को मिचेल जॉनसन ने आउट किया था.
ऐसे में कोहली ने कुल मिलाकर ब्रिसबेन के मैदान पर एक टेस्ट में 20 रन बनाए हैं. इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 4 विकेट से हरा दिया था. भारत की तरफ से मुरली विजय ने 144 रन की पारी खेली थी. वहीं दूसरी पारी में शिखर धवन ने 81 रन ठोके थे.
बता दें कि एडिलेड के मैदान पर भी विराट कोहली बुरी तरह फ्लॉप रहे थे. विराट ने पहली पारी में 7 रन और दूसरी पारी में 11 रन बनाए थे. ऐसे में मैच खत्म होते ही कोहली सीधे नेट्स में पहुंच गए. कोहली ने इस दौरान काफी ज्यादा मेहनत की और खूब पसीने बहाए.
बता दें कि विराट कोहली ने पर्थ के मैदान पर टेस्ट शतक ठोका था. ऐसे में सभी का यही मानना था कि उनकी फॉर्म वापसी हो चुकी है. लेकिन दूसरे टेस्ट में एक बार फिर फ्लॉप होते ही उन्होंने फैंस को निराश कर दिया. कई पूर्व क्रिकेटर्स ये कह चुके हैं कि विराट कोहली आउटसाइड ऑफ स्टम्प की गेंद को छेड़ देते हैं और यही कारण है कि वो आउट हो जाते हैं. दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी के दौरान विराट इन गेंदों को पूरी तरह जाने दे रहे थे. लेकिन तभी स्कॉट बोलैंड की एक बेहतरीन गेंद पर वो आउट हो गए. ऐसे में गावस्कर ने भी बाद में कहा था कि इसमें विराट की कोई गलती नहीं है बल्कि बोलैंड की गेंद बेहतरीन थी.
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