IND vs AUS : भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला 22 नवंबर को पर्थ के मैदान में खेला जाना है. इसके लिए टीम इंडिया से जहां रोहित शर्मा और शुभमन गिल जैसे धाकड़ खिलाड़ी बाहर रहने वाले हैं. वहीं उनकी जगह केएल राहुल और देवदत्त पडिक्कल को शामिल किया जा सकता है. इस बीच सभी फैंस के मन में सवाल उठ रहा है कि आखिर पर्थ के मैदान की पिच कैसी होगी और ये टेस्ट मैच के दौरान कैसा व्यवहार करेगी. इस पर ऑस्ट्रेलियाई पिच क्यूरेटर ने खुद बड़ा खुलासा कर दिया है.
पिच क्यूरेटर ने दी बड़ी जानकारी
पर्थ के ऑप्टस मैदान की पिच तैयार करने वाले ऑस्ट्रेलियाई क्यूरेटर इसाक मैकडोनाल्ड ने पिच की जानकारी देते हुए मीडिया से बातचीत में कहा,
देखिये ये उस तरह की ट्रेडिशनल पर्थ पिच नहीं क्योंकि अभी यहां का मौसम वैसा नहीं है. जैसा अक्सर पर्थ का होता है. पिच पर जाहिर सी बात है हमने घास छोड़ रखी है और इसमें जमकर रोलिंग कर रहे हैं. बीते दिन बारिश के चलते विकेट पूरी तरह से ढका रहा है. जिससे हमें काम करने का मौका नहीं मिला. लेकिन अब हमने फिर से काम शुरू कर दिया है. इस विकेट पर बाउंस और मूवमेंट रहेगा. जिससे गेंद और बल्ले के बीच संतुलन देखने को मिलेगा.
बारिश आई तो विकेट का क्या होगा ?
22 नवंबर से शुरू होने वाला पर्थ टेस्ट मैच 26 नवंबर तक खेला जाना है. इस बीच बारिश भी टेस्ट मैच में दस्तक दे सकती है. मौसम का पिच पर कैसा असर पड़ेगा. इसको लेकर क्यूरेटर ने आगे कहा,
मौसम अगर खराब हुआ तो विकेट पूरी तरह से सूखेगा नहीं. जिससे नमी बनी रहेगी और ऊपरी सतह ठोस नहीं हो सकेगी. इससे असमतल उछाल बभी देखने को मिल सकता है. जबकि सूरज अगर निकला रहता है तो मैच की शुरुआत के बाद विकेट सूख भी सकता है और इस पर दरार भी बन सकती है. क्योंकि हम बहुत कम पानी दे रहे हैं और रोलिंग ज्यादा कर रहे हैं. जिससे मैच में तेज गेंदबाजों को थोड़ी अधिक मदद मिल सकती है.
सिर्फ एक स्पिनर के साथ उतर सकता है भारत
पर्थ के मैदान की पिच रिपोर्ट से साफ़ है कि पूरे टेस्ट मैच के दौरान तेज गेंदबाजों को फायदा मिलने वाला है. जबकि सूरज निकलने से अगर विकेट पर दरार बनी तो स्पिनर भी इसका फायदा उठा सकते हैं. पिच के हिसाब से टीम इंडिया अपनी प्लेइंग इलेवन में सिर्फ एक स्पिनर अश्विन को शामिल कर सकती है. अब देखना होगा कि बतौर कप्तान और तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह अपने साथी के रूप में किन-किन तेज गेंदबाजों को चुनते हैं.
ये भी पढ़ें :-