भारतीय सुपर स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह अभी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेल रहे हैं. बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दो टेस्ट में उन्होंने कमाल की बॉलिंग की है. वे नौ के आसपास की औसत से 12 विकेट ले चुके हैं. लेकिन बुमराह का कहना है कि एक समय था जब लोग सोचते थे कि उनका करियर छह-सात महीने में खत्म हो जाएगा. इस तेज गेंदबाज ने कहा कि जब वे बड़े हो रहे थे तब उन्होंने कोई औपचारिक कोचिंग नहीं ली थी. वे टेलीविजन पर क्रिकेट देखते हुए आगे बढ़े थे. बुमराह अभी दुनिया के सबसे धाकड़ गेंदबाजों में से एक हैं. टेस्ट रैंकिंग में वे टॉप पर हैं.
बुमराह ने फॉक्स क्रिकेट से बात करते हुए कहा कि उन्होंने सब कुछ टीवी देखते हुए सीखा था. उन्होंने कहा, 'मैंने क्रिकेट देरी से शुरू किया. मैं छह-सात साल की उम्र में ज्यादा तेज गेंदबाज नहीं था. मैं क्रिकेट नहीं खेला करता था. मैंने सीजन बॉल से 16-7 की उम्र में खेलना शुरू किया. मैंने कभी औपचारिक कोचिंग नहीं ली. इसलिए मैंने सब कुछ टीवी के जरिए सीखा और किसी तरह से टिप्स निकाले और खुद से ही चीजों का समाधान किया. इसलिए वही आज तक मेरे साथ काम करता है. मैं अपने तरीकों पर भरोसा करता हूं.'
बुमराह ने बताया क्यों किसी ने नहीं बदला उनका बॉलिंग एक्शन
बुमराह ने बताया कि भारत में किसी भी कोच ने कभी भी उनके बॉलिंग एक्शन को बदलने की कोशिश नहीं की. उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि बहुत से लोगों ने मुझ पर विश्वास किया क्योंकि उन्हें लगा कि यह गेंदबाजी एक्शन लंबे समय तक नहीं चलेगा. वह छह महीने, सात महीने तक खेलेगा. वास्तव में बहुत से लोगों ने मुझ पर काम नहीं किया या आप जानते हैं मुझे ऐसे इनपुट दिए. मुझे लगता है कि यह उपयोगी है या आपको ऐसा करना बंद कर देना चाहिए क्योंकि मुझे नहीं लगता कि उन्होंने बहुत अधिक योग्यता देखी है. मुझे लगता है कि इससे मुझे फायदा हुआ क्योंकि मैं तब आत्मनिर्भर था और मुझे बहुत अधिक आत्मविश्वास रखना पड़ता था और खुद ही समाधान खोजना पड़ता था. तो हां, किसी ने मुझे बदलने की कोशिश नहीं की, लेकिन किसी ने कोई अतिरिक्त समाधान नहीं दिया.'
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