IND vs AUS : भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला गाबा के मैदान में शुरू हो चुका है. इस मैच के लिए मैदान में आते ही रोहित शर्मा के एक फैसले ने चारों तरफ हंगामा खड़ा कर दिया. टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर गाबा के मैदान में गेंदबाजी चुनी और वहां के रिकॉर्ड को देखते हुए टीम इंडिया पर हार का खतरा मंडराने लगा. क्योंकि साल 1985 के बाद से अभी तक कोई भी मेहमान टीम इस फैसले के बाद जीत नहीं हासिल कर सकी है.
साल 1985 से नहीं हुआ ऐसा
दरअसल, गाबा के मैदान की बात करें तो इस मैदान पर अभी तक सिर्फ दो बार ही मेहमान टीम टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी लेने के बाद जीत हासिल कर सकी है. साल 1984 में वेस्टइंडीज के क्लाइव लॉयड ने ब्रिसबेन के मैदान में ऑस्ट्रेलिया के सामने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला लेने के बाद जीत हासिल की थी. जबकि इसके बाद साल 1985 में न्यूजीलैंड के कप्तान जैरिमी कोनी ने टॉस जीतकर गाबा के मैदान में पहले गेंदबाजी करते हुए जीत हासिल की थी. लेकिन इसके बाद से अभी तक कोई भी मेहमान टीम ब्रिसबेन के मैदान में टॉस जीतकर गेंदबाजी करने के बाद ऑस्ट्रेलिया से जीत नहीं सकी है.
सौरव गांगुली के बाद रोहित ने लिया ये फैसला
भारत की बात करें तो रोहित शर्मा से पहले साल 2003 में टीम इंडिया के कप्तान सौरव गांगुली ने गाबा के मैदान में टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी थी. लेकिन टीम इंडिया इस मैच में जीत हासिल नहीं कर सकी थी. ये मैच बराबरी पर समाप्त हुआ था.यही कारण है कि रोहित शर्मा के टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनने के फैसले पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
ऑस्ट्रेलिया का पहले गेंदबाजी में दमदार रिकॉर्ड
वहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम की बात करें तो ब्रिसबेन के मैदान में उनकी टीम साल 1980 से लेकर अभी तक 10 टेस्ट मैचों में टॉस जीतकर गेंदबाजी चुन चुकी है. जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने नौ बार गाबा में जीत दर्ज की है. आंकड़ों के लिहाज से देखें तो भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने शायद ऑस्ट्रेलियाई टीम से सीखकर गाबा के मैदान में टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया.
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