ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को हराकर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 3-1 से अपने नाम कर ली है. 10 साल बाद ऑस्ट्रेलिया ने इस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया, मगर इसके बाद प्रेजेंटेशन सेरेमनी में जो हुआ, उसके बाद बवाल मच गया है. दरअसल ऑस्ट्रेलिया को ट्रॉफी सौंपने के लिए प्रेजेंटेशन सेरेमनी में सिर्फ एलेन बॉर्डर को ही बुलाया गया. जबकि सुनील गावस्कर भी उस वक्त मैदान पर मौजूद थे, मगर उन्हें नजरअंदाज किया गया. जबकि ट्रॉफी का नाम इन दोनों महान प्लेयर्स पर ही रखा गया है.
गावस्कर को ट्रॉफी देने के लिए ना बुलाए जाने पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है. गावस्कर भी इससे नाराज हैं. उन्होंने कहा-
मुझे पुरस्कार वितवण समारोह में जाकर खुशी होती. आखिरकार यह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी है और ऑस्ट्रेलिया और भारत से जुड़ी है. मैं मैदान पर ही था. मुझे फर्क नहीं पड़ता कि ट्रॉफी ऑस्ट्रेलिया को दी जा रही थी. उन्होंने बेहतर क्रिकेट खेला और जीते. ठीक है. सिर्फ इसलिये कि मैं एक भारतीय हूं. अपने अच्छे दोस्त एलेन बॉर्डर के साथ ट्रॉफी देकर मुझे खुशी होती.
गावस्कर को प्रेजेंटेशन सेरेमनी में क्यों नहीं बुलाया गया, इसके पीछे की वजह अब सामने आ गई है. इस फैसले के पीछे का राज हैरान कर देने वाला है.
गावस्कर ने कोड स्पोर्ट्स से बात करते हुए इसका खुलासा किया. उन्होंने खुद ही खुलासा किया कि उन्हें पहले ही बता दिया गया कि अगर ऑस्ट्रेलियाई टीम ट्रॉफी जीतती है तो प्रेजेंटेशन में उनकी जरूरत नहीं होगी. उन्होंने कहा-
टेस्ट शुरू होने से ठीक पहले मुझे इस स्थिति के बारे में बताया गया था. अगर भारत सीरीज नहीं जीतता या ड्रॉ नहीं करता तो मेरी जरूरत नहीं होगी.मुझे दुख नहीं हो रहा है, लेकिन मैं बस थोड़ा हैरान हूं. यह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी है, हम दोनों को वहां होना चाहिए था.
प्रेजेंटेशन में सिर्फ पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर एलेन बॉर्डर ही स्टेज पर थे, जबकि गावस्कर ने पूरी सेरेमनी अपने ब्रॉडकास्ट साथियों के साथ देखी. वो प्रेजेंटेशन सेरेमनी के वक्त स्टेज से सिर्फ कुछ मीटर की दूरी पर भी खड़े थे.
ये भी पढ़ें:
जसप्रीत बुमराह ने प्लेयर ऑफ द सीरीज बनने के बाद दिया बड़ा बयान, बताया पूरी सीरीज लड़ाई...