भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली के भविष्य के बारे में खुलकर बात की है. कोहली का ऑस्ट्रेलिया दौरा निराशाजनक रहा, जिसमें उनके बल्ले से सिर्फ एक बार शतक निकला जब उन्होंने पर्थ टेस्ट में ये रन बनाए थे. उनकी मौजूदा फॉर्म ने चिंताएं बढ़ा दी हैं जिसके चलते टीम में उनके जगह को लेकर काफी आलोचना हो रही है. इन सवालों के बीच, गावस्कर को लगता है कि कोहली का लाल गेंद वाले फॉर्मेट में भविष्य तय करना आखिरकार चयनकर्ताओं की जिम्मेदारी है.
विराट का भविष्य सेलेक्टर्स पर निर्भर करता है: गावस्कर
गावस्कर ने यहां ये भी जोर देखर कहा कि हमें अब आगे भी देखना होगा जिसमें ये बात शामिल है कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2027 फाइनल में कौन उपलब्ध रहेगा. गावस्कर ने कहा कि, मेरा मानना है कि आगे का रास्ता तय करना चयन समिति पर निर्भर है. अजीत अगरकर वह व्यक्ति हैं जो भारतीय क्रिकेट के लिए सही निर्णय लेंगे. पिछले 8-10 दिनों से मैं जिस बात पर जोर दे रहा हूं, वह यह है कि हमें इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि 2027 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए कौन उपलब्ध होगा. नया साइकिल जून में इंग्लैंड सीरीज के साथ शुरू होता है, और यह आकलन करना महत्वपूर्ण है कि 2027 में कौन से खिलाड़ियों के मौजूद रहने की संभावना है.
बता दें कि कोहली ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रन बनाने के लिए जाने जाते हैं. लेकिन इस बार 9 पारियों में 23.75 की औसत से केवल 190 रन ही बना पाए. कुल मिलाकर, टेस्ट क्रिकेट में उनका साल कठिन रहा, उन्होंने 21 पारियों में 23.15 की औसत से केवल 440 रन बनाए, जिसमें एक अर्धशतक और एक शतक शामिल है.
गावस्कर ने कहा कि, इस मैच के लिए, अगर भारत कल जीतता है, तो उनके पास अभी भी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने का मौका है. गावस्कर ने कहा, "इसके बाद, ध्यान इंग्लैंड दौरे पर जाएगा." गावस्कर ने कोहली की तकनीक में एक तकनीकी खामी की ओर भी इशारा किया, यह जानते हुए कि बल्लेबाज 9 में से 8 बार ऑफ-स्टंप के बाहर गेंद पर आउट होता आया है. गावस्कर ने बताया कि, कोहली फ्रंट फुट पर खेलते हैं. ऐसे में वो बाउंस पर वो एडजस्ट नहीं कर पाते और उनका बैट लाइन से बाहर रहता है. यही कारण है कि वो आउट होते हैं. उन्हें बैकफुट पर भी खेलना होगा. अगर उन्होंने ये सब बदलाव नहीं किया तो वो संघर्ष करते रहेंगे.
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