भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी टेस्ट के दूसरे दिन 15 विकेट गिरे. ऑस्ट्रेलिया के नौ तो भारत के छह बल्लेबाज इस दौरान आउट हुए. सिडनी क्रिकेट ग्राउंड की पिच से गेंद को काफी उछाल हासिल हो रहा था और इसने बल्लेबाजों का टिकना मुश्किल कर दिया. भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने यह खेल देखने के बाद पिच को टेस्ट क्रिकेट के लायक नहीं माना. उन्होंने कहा कि इस तरह की पिचेज के चलते टेस्ट मैच चौथे या पांचवें दिन तक नहीं जाते हैं. गावस्कर ने साथ ही कहा कि अगर ऐसी पिच भारत में होती तो खूब हायतौबा मचाई जाती.
सिडनी टेस्ट के पहले दिन 11 विकेट गिरे थे. तब भारत के 10 और ऑस्ट्रेलिया का एक विकेट शामिल था. यहां पर टीम इंडिया पहली पारी में 185 रन पर ढेर हो गई तो ऑस्ट्रेलिया भी 181 रन से आगे नहीं जा सका. भारत ने दूसरी पारी में भी 141 रन पर छह विकेट पर गंवा दिए. गावस्कर ने कहा कि अगर सिडनी जैसी पिच भारत में होती तो कई सवाल किए जाते. उन्होंने कहा, 'अगर 15 विकेट एक दिन में भारत में गिर जाते तब हाय तौबा मच जाती. हमने ग्लेन मैक्ग्रा को कहते सुना कि उन्होंने यहां पर इतनी घास नहीं देखी. क्या आपने भारत के किसी पूर्व क्रिकेटर को पिच को लेकर सवाल करते सुना?'
सुनील गावस्कर बोले- इस पिच पर गायें चर सकती थीं
गावस्कर ने कहा कि जब भारत को इस तरह की पिचों पर खेलने का मौका मिलता है तो वे मजबूत होते हैं. उन्होंने कहा,
जब हम बाहर जाते हैं और क्रिकेट खेलते हैं तो हम मजबूत होते हैं. और अगर हम हार जाते हैं तो हार को स्वीकार कर लेते हैं. विदेश में जाकर घरेलू टीम को हराना बहुत मुश्किल होता है. मैंने कहा था कि जब हमने कल पिच देखी तब उस पर गायें जाकर चर सकती थी. यह टेस्ट मैच के लिए सही पिच नहीं क्योंकि आप चाहते हैं कि मैच चौथे और पांचवें दिन तक जाए. यहां पर अगर बारिश नहीं हुई तो मुझे नहीं लगता कि चौथे दिन का खेल हो पाएगा.
सिडनी टेस्ट की पिच परंपरागत सूखी रहती है और इससे स्पिनर्स को मदद मिलती है. लेकिन इस बार यहां की पिच ने अलग तरह से बर्ताव किया. इससे तेज गेंदबाजों को मदद मिली है. दो दिन के खेल में केवल नौ ही ओवर स्पिनर्स ने कराए हैं.
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