टेस्ट क्रिकेट में Follow-on नियम क्या है, कब और कैसे किया जाता है लागू, भारत को आखिरी बार कब मिला फॉलोऑन, जानिए सभी जरूरी बातें

टेस्ट क्रिकेट में Follow-on नियम क्या है, कब और कैसे किया जाता है लागू, भारत को आखिरी बार कब मिला फॉलोऑन, जानिए सभी जरूरी बातें
भारतीय क्रिकेट टीम

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फॉलोऑन का नियम टेस्ट क्रिकेट में नतीजा निकालने में मदद करता है.

किसी टीम के लिए फॉलोऑन झेलना खराब खेल का परिचायक है.

भारत ने 2022 में आखिरी बार किसी टीम को फॉलोऑन दिया था.

भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन टेस्ट में फॉलोऑन बचाया. जसप्रीत बुमराह और आकाश दीप की आखिरी विकेट के लिए कमाल की साझेदारी के बूते उसने ऐसा किया. ऑस्ट्रेलिया ने पहले बैटिंग करते हुए 445 का स्कोर बनाया. इसके जवाब में भारत ने एक समय 213 पर नौ विकेट गंवा दिए थे. उसे फॉलोऑन बचाने के लिए 246 रन बनाने थे. टीम इंडिया ने आखिरी बार 2011 में इंग्लैंड दौरे पर फॉलोऑन खेला था. इस तरह 13 साल में पहली बार शर्मिंदा होने से टीम इंडिया बच गई. भारत ने 2001 में कोलकाता टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को फॉलोऑन खेलने के बाद भी हरा दिया था. लेकिन यह फॉलोऑन होता क्या है और किस तरह से काम करता है. 

फॉलोऑन अंग्रेजी का शब्द है जिसका मतलब होता है पीछा करना जारी रखना. टेस्ट और फर्स्ट क्लास क्रिकेट में फॉलोऑन नियम काम में आता है. इस फॉर्मेट में टीमें दो बार बल्लेबाजी करती हैं और कम से कम तीन पारी पूरी होने से पहले नहीं जीत पाती है. जब कोई टीम दूसरे नंबर पर बैटिंग करते हुए एक निश्चित संख्या में रन नहीं बनाती है तब उसे फॉलोऑन मिलता है. इसका मतलब होता है कि उसे पहली पारी खत्म होने के फौरन बाद फिर से बैटिंग के लिए आना पड़ता है और विरोधी टीम के पहली पारी के स्कोर का पीछा करना होता है.

फॉलोऑन देने का फैसला कौन करता है

 

जो टीम मैच में पहले बैटिंग करती है उसका कप्तान फॉलोऑन देने का फैसला करता है. दोनों टीमों की एक-एक पारी पूरी होने के बाद अगर फॉलोऑन की स्थिति बनती है तब पहले बैटिंग करने वाली टीम के विवेक पर है कि वह दूसरी टीम को फिर से बल्लेबाजी को कहे या अपनी बैटिंग चुने. क्रिकेट से जुड़ा नियम नंबर 14.2 कहता है, कप्तान विरोधी कप्तान और अंपायर्स को फॉलोऑन के बारे में जानकारी देगा. एक बार बताए जाने के बाद इस फैसले में बदलाव नहीं किया जा सकेगा.

फॉलोऑन देने के लिए कितने रन की बढ़त चाहिए होती है?

 

फॉलोऑन के लिए जरूरी रनों की संख्या मैच के दिनों पर निर्भर करती है. अगर पांच दिन का मुकाबला रहता है तब पहले बैटिंग करने वाली टीम कम से कम 200 रन की बढ़त मिलने पर फॉलोऑन दिया जा सकता है. रणजी ट्रॉफी जैसे घरेलू फर्स्ट क्लास टूर्नामेंट में कम से कम 150 की बढ़त के बाद फॉलोऑन के लिए बुलाया जा सकता है. अगर दो दिन का मैच रहता है तब फॉलोऑन के लिए 100 रन की बढ़त काफी रहती है. क्रिकेट का नियम 14.1.3 कहता है कि अगर पहले दिन का खेल धुल जाएगा तब फॉलोऑन के लिए जरूरी रन की बढ़त घट जाएगी. 

भारत ने आखिरी बार फॉलोऑन कब झेला और कब दूसरी टीम को दिया

 

टीम इंडिया को आखिरी बार 2011 में इंग्लैंड दौरे पर फॉलोऑन मिला था. तब दी ओवल में खेले गए मुकाबले में भारत को लगातार दो पारियों में बैटिंग करना पड़ा था. उस टेस्ट में भारत को पारी और आठ रन से शिकस्त मिली थी. टीम इंडिया ने आखिरी बार 2022 में श्रीलंका को मोहाली टेस्ट में फॉलोऑन दिया था. तब उसने पारी और 222 रन से मैच जीता था.

क्या कोई टीम फॉलोऑन देकर भी हारी है

 

ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड ऐसी टीमें हैं जो फॉलोऑन देने के बाद भी हारी हैं. ऑस्ट्रेलिया के साथ तो ऐसा तीन बार हुआ है. इनमें से दो बार इंग्लैंड व एक बार भारत ने उसे मात दी. इंग्लैंड को न्यूजीलैंड के सामने 2023 में फॉलोऑन देने के बाद भी हार मिली थी.