भारत और बांग्लादेश के बीच चट्टोग्राम टेस्ट में शुभमन गिल पहली पारी में फ्लॉप रहे. 20 रन बनाने बाद बाएं हाथ के स्पिनर ताइजुल इस्लाम की गेंद पर वे कैच आउट हो गए. इसके साथ ही शुभमन गिल का टेस्ट क्रिकेट में खराब फॉर्म का सिलसिला जारी है. वे लगातार छठी पारी में 50 रन का आंकड़ा नहीं छू पाए हैं. 2021 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद से 16 पारियों में केवल एक बार गिल फिफ्टी लगा पाए हैं. चट्टोग्राम में उनके करियर का 12वां टेस्ट रहा लेकिन अभी तक इस बल्लेबाज का शतक नहीं बन पाया है. ऐसे में टीम इंडिया में उनकी जगह पर खतरा मंडरा रहा है.
साल 2008 के बाद से भारत के लिए टेस्ट में ओपनिंग करने वाले बल्लेबाजों में शुभमन गिल की औसत निचले दर्जे में आती है. भारत के लिए कम से कम 12 टेस्ट पारियां खेलने वाले ओपनर्स में औसत के मामले में गिल नीचे से दूसरे नंबर पर हैं. उनकी औसत 29.05 की है. उनसे नीचे केवल अभिनव मुकुंद का नाम हैं जिनकी औसत 22.86 की रही है. गिल से ऊपर केएल राहुल का नाम आता है जिन्होंने 35.53 की औसत से रन बनाए हैं.
बाएं हाथ के स्पिनर्स के आगे फेल
गिल को बाएं हाथ के स्पिनर टेस्ट क्रिकेट में काफी परेशान कर रहे हैं. अभी तक के अपने करियर में वे चार बार इस तरह के गेंदबाजों के आगे आउट हुए हैं और उनकी औसत केवल 22 की है. वहीं बाकी स्पिनर्स के सामने देखा जाए तो इस दाएं हाथ के युवा बल्लेबाज ने 128 की औसत से रन बनाए हैं. केवल एक बार बाकी स्पिनर्स से वे आउट हुए हैं.
ऑस्ट्रेलिया में किया था डेब्यू
गिल ने साल 2020 में अपने टेस्ट करियर का आगाज ऑस्ट्रेलिया में मेलबर्न टेस्ट से किया था. यह टेस्ट एडिलेड में 36 रन पर सिमटने के बाद हुआ था. गिल ने अंडर-19 दिनों के अपने कप्तान रहे पृथ्वी शॉ की जगह टीम इंडिया में ली थी. ऑस्ट्रेलिया में शुभमन ने अपने खेल से सबको प्रभावित किया था. उन्होंने 45, नाबाद 35, 50, 31 और 91 रन की पारियां खेली थीं. इनके दम पर वे उन्होंने बतौर ओपनर जगह पुख्ता की थी.
ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में उन्होंने एक अर्धशतकीय स्कोर बनाया था जो चेन्नई में पहले ही मैच में आया था. इसके बाद से वे केवल एक बार 50 रन का आंकड़ा पार कर पाए हैं जो नवंबर 2021 में न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर टेस्ट में हुआ था. ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद से शुभमन नौवां टेस्ट खेल रहे हैं और केवल दो ही बार वे फिफ्टी लगा सके हैं.