विराट कोहली ने हाल ही में टी20 और वनडे क्रिकेट में शतक लगाया था. तब से उम्मीद लगाई जा रही थी कि टेस्ट में भी उनके शतकों का सूखा खत्म होगा. लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ चट्टोग्राम टेस्ट की पहला पारी में विराट कोहली सस्ते में निपट गए. वे एक रन बना पाए और ताइजुल इस्लाम की गेंद पर एलबीडब्ल्यू करार दिए गए. उनके जल्दी आउट होने से टीम इंडिया भी मुसीबत में पड़ गई. साथ ही टेस्ट क्रिकेट में उनकी बड़ी पारी का इंतजार भी बढ़ गया. विराट कोहली ने साल 2019 में आखिरी बार टेस्ट में शतक लगाया था. यह पारी नवंबर 2019 में कोलकाता में बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए पिंक बॉल टेस्ट में आई थी. तब से टेस्ट में कोहली के शतक का इंतजार ही चल रहा है.
विराट कोहली ने साल 2022 में पांच टेस्ट खेले हैं और इनमें केवल एक बार वे 50 रन का आंकड़ा पार कर सके हैं. साउथ अफ्रीका के खिलाफ जनवरी में खेले गए केप टाउन टेस्ट में उन्होंने 79 रन की पारी खेली थी. इसके बाद 45 उनका सर्वोच्च स्कोर रहा है. अगर 2021 को देखा जाए तो पिछले साल उन्होंने 11 टेस्ट खेले थे. इनमें चार फिफ्टी लगाई थी और 72 उनका सबसे बड़ा स्कोर था. इसका मतलब है कि साल 2021 से अभी तक विराट टेस्ट में 16 मैच खेल चुके हैं और केवल पांच फिफ्टी लगा पाए हैं.
कोहली के टेस्ट आंकड़े बिगड़े
आखिरी टेस्ट शतक के बाद से विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट में 33 पारियों में 26.45 की मामूली औसत से 873 रन बना पाए हैं. छह फिफ्टी उनके नाम रही हैं. इस दौरान 79 उनका सर्वोच्च स्कोर रहा है. इस तरह के खेल के चलते भारत के पूर्व कप्तान के टेस्ट क्रिकेट के आंकड़े बुरी तरह बिगड़े हैं. एक समय उनकी टेस्ट औसत 54 की थी जो अब 49 की रह गई है. 2019 में उन्होंने 68 की औसत से रन बनाए थे. इसके बाद से 2020 में 19.33, 2021 में 28.21 और 2022 में 27.62 की औसत से रन बना सके हैं.
यह लगातार तीसरा साल है जब कोहली की टेस्ट औसत 30 से नीचे रह रही है. इससे पहले आखिरी बार ऐसा साल 2011 में हुआ था जब उनकी टेस्ट औसत 30 से नीचे रही हो. 2011 कोहली के टेस्ट डेब्यू का साल था. हालिया तीन सालों के पहले 2011 ही वह साल था जब कोहली एक कैलेंडर ईयर में कोई शतक नहीं बना पाए थे.