भारत और इंग्लैंड (India and England) की टीमें 1 जुलाई से आखिरी टेस्ट में टकराने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. टीम इंडिया के लिए ये मैच आसान नहीं रहने वाला है क्योंकि इंग्लैंड की टीम बेहतरीन फॉर्म में नजर आ रही है. टीम ने हाल ही में न्यूजीलैंड को 3-0 से रौंदा था. पिछले साल टीम इंडिया की कमान विराट (Virat Kohli) के हाथों में थी लेकिन इस साल रोहित शर्मा टीम के कप्तान हैं. हालांकि रोहित के कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाद अब कमान किसी और खिलाड़ी के हाथों में दी जा सकती है. भारतीय टीम सीरीज में 2-1 से आगे चल रही है. इन सबके बीच स्पोर्ट्स टुडे ने इंग्लैंड के ऑलराउंडर मोईन अली से खासबीत की जिसमें उन्होंने भारत- इंग्लैंड सीरीज को लेकर अहम सवालों के जवाब दिए. इस दौरान उन्होंने विराट कोहली के दोबारा कप्तान बनने पर अपना प्रतिक्रिया दी. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, ऑयन मॉर्गन की कप्तानी में खेलना उनके लिए कितना अच्छा रहा.
सवाल- जवाब
भारत और इंग्लैंड में होने वाले आखिरी टेस्ट में इंग्लैंड को फेवरेट कहा जा रहा है?
देखिए अगर ये मैच पिछले साल ही खत्म हो जाता तो भारत की टीम सीरीज को 3-1 से जीत जाती. लेकिन अब हालात बदल चुके हैं और इंग्लैंड जिस तरह से खेल रहा है वो शानदार है. फिलहाल इंग्लैंड में जो टेस्ट क्रिकेट खेला जा रहा है उसके कंडीशन काफी ज्यादा अलग हैं और भारत को यहां संभलकर खेलना होगा. पिछले तीन मैचों में इंग्लैंड ने जो प्रदर्शन किया है उसे देखकर यही लगता है कि इस मैच में हमारी टीम ही फेवरेट है.
रवींद्र जडेजा के पास कप्तानी में ज्यादा अनुभव नहीं है. और कप्तान के तौर पर चेन्नई के लिए खेलना इस सीजन में उनके लिए काफी मुश्किल रहा क्योंकि टीम अच्छा नहीं कर रही थी. मैं यहां कप्तान पर पूरा दारोमदार नहीं डालना चाहूंगा क्योंकि मैंने और दूसरों ने भी अच्छा नहीं किया. जडेजा के पास अच्छा दिमाग है और मुझे लगता है कि, आनेवाले समय में वो जरूर कप्तानी करते हुए नजर आएंगे.
ऑयन मॉर्गन की रिटायरमेंट पर क्या कहेंगे?
ऑयन मॉर्गन वो कप्तान थे जिन्होंने व्हाइट बॉल फॉर्मेट में इंग्लैंड की तकदीर बदल दी. उन्होंने खिलाड़ियों की माइंडसेट बदली. फिलहाल इंग्लैंड जो टेस्ट क्रिकेट खेल रहा है वो उन्हीं की देन है. क्योंकि उनकी वजह से ही खिलाड़ियों ने निडर होकर क्रिकेट खेलना शुरू किया. वो बेहद बड़े आदर्श थे. मैंने उनकी और धोनी की भी कप्तानी में भी खेला और दोनों में कोई अंतर नहीं था. वो खिलाड़ियों को समझते थे और उनके साथ निष्पक्ष रहते थे. कई लोग उनके जरिए किए गए रनों का याद नहीं करते लेकिन वो व्हाइट बॉल फॉर्मेट में इंग्लैंड की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे. मॉर्गन एक बेहद अच्छे इंसान हैं.