भारतीय क्रिकेट टीम ने 2014 के बाद पहली बार इंग्लैंड को हराकर सीरीज अपने नाम की. मैनचेस्टर में 260 रनों के लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल हो गया था जब टीम ने अपना टॉप ऑर्डर 72 रनों में ही खो दिया था. फिर हार्दिक पंड्या और ऋषभ पंत की पांचवे विकेट की 133 रनों की साझेदारी ने टीम को खतरे से निकालकर जीत दिलाई. पंड्या ने 55 गेंदों पर 71 रनों की पारी खेली तो पंत ने 113 गेंदों पर 125 रन बनाकर अपने वनडे करियर का पहला शतक भी जड़ा. इन दोनों बल्लेबाजों की बहुत तारीफ हुई इसके कारण भारत को 2-1 से जीत मिली. लेकिन टीम के टॉप तीन बल्लेबाज एक बार फिर बाएं हाथ के गेंदबाज के सामने आउट हो गए. इससे पुरानी चिंताएं फिर से ताजा हो गईं.
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने इस बारे में बात करते हुए टी20 वर्ल्ड कप 2021 में शाहीन अफरीदी के आगे भारत के बिखर जाने की बात दिलाई. उन्होंने सोनी स्पोट्स चैट से बातचीत में कहा, 'भारतीय टीम काफी मजबूत है. लेकिन उन्हें अपनी बीती गलती को नहीं भूलना चाहिए. पिछले साल यूएई में हुए टी-20 विश्वकप में भारतीय बल्लेबाजी काफी कमज़ोर दिखी थी. उन्हें इस कमज़ोरी का तोड़ निकालना होगा. टीम में जब पंड्या, पंत,और जडेजा जैसे खिलाड़ी हैं तो टीम के टॉप ऑर्डर को नर्वस होने की जरूरत नहीं हैं.'
हुसैन ने गिनाई टीम इंडिया की खामियां
हुसैन ने उस समय की याद दिलाई जब भारतीय टीम ने बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज के खिलाफ संघर्ष किया था. उन्होंने कहा, 'भारत को पाकिस्तान के खिलाफ 2017 की चैंपियंस ट्रॉफी और 2021 के टी20 विश्वकप में मिली हार का उदाहरण देते हुए हुसैन ने भारतीय टीम को बाएं हाथ के तेज गेदबाज के खिलाफ संभलकर खेलने की सलाह दी. शाहीन अफरीदी ने 2021 के टी-20 विश्वकप, मोहम्मद आमिर ने 2017 के चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल और रीस टॉपली ने मैनचेस्टर में भारतीय टीम के टॉप ऑर्डर को बहुत परेशान किया था. टीम को अपनी बल्लेबाजी को और मजबूत करना होगा, अगर 2 ओवरों में 20 रनों की जरूरत हो तो निचले क्रम के बल्लेबाज भी रन बना सके.'
कोहली पर क्या बोले हुसैन
हुसैन ने विराट कोहली के खराब प्रदर्शन को लेकर भी बात की. भारतीय टीम के इंग्लैंड दौरे पर, कोहली की काफी कमजोरियां सामने आई. पांचवे टेस्ट की दोनों पारियों में वे 11 और 20 रन ही बना सके. उनके खेले गए टी-20 में 1 और 11 रन ही बना पाए. और दूसरे और तीसरे वनडे मैच में वे 16 और 17 रन ही बना सके. हुसैन ने सलाह दी कि भारतीय टीम को आईसीसी टूर्नामेंट्स में भी वैसे ही खेलना है जैसे वे द्विपक्षीय सीरीज में खेलती हैं. जब कोहली, ब्रेक से वापस आएंगे, तो वे पूरी तरह से फिट होकर आएंगे, इससे उनका खेल बेहतर होगा.