अभिमन्यु ईश्वरन इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट खेलने का इंतजार करते ही रह गए. 20 जून से शुरू हुई पांच टेस्ट की सीरीज का आखिरी मुकाबला 31 जुलाई से शुरू हुआ. लेकिन एक भी मैच में ईश्वरन प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं बने. यह लगातार दूसरी सीरीज रही जब ईश्वरन टीम इंडिया का हिस्सा थे लेकिन खेल नहीं सके. घरेलू क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन के दम पर उन्हें भारत की टेस्ट टीम में जगह मिली लेकिन अभी तक वह डेब्यू नहीं कर सके हैं. अभिमन्यु ईश्वरन को सबसे पहले 2021 में इंग्लैंड दौरे पर चुना गया है और तब से वह टेस्ट डेब्यू का इंतजार ही कर रहे हैं. लगातार अनदेखी के बाद अब उनके पिता के सब्र का बांध टूट गया. उनका कहना है कि तीन साल हो चुके हैं लेकिन खेलने का मौका नहीं मिला.
अभिमन्यु के पिता रंगनाथन ईश्वरन ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा, 'मैं अभिमन्यु के टेस्ट खेलने के इंतजार के दिन नहीं बल्कि साल गिन रहा हूं. तीन साल हो चुके हैं. एक खिलाड़ी का क्या काम है? रन बनाने का काम है. उसने ऐसा किया है. लोग कहते हैं कि उसने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर इंडिया ए के दो मैचों में प्रदर्शन नहीं किया और इस वजह से टीम में जगह नहीं मिली. यह बात समझ आती है. लेकिन करुण बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी से पहले जब अभिमन्यु ने प्रदर्शन किया था तब करुण नायर टीम में नहीं थे. करुण को न तो दलीप ट्रॉफी के लिए चुना गया और न ही ईरानी ट्रॉफी के लिए. पिछले साल से अभी तक के समय को देखेंगे तो अभिमन्यु ने 864 रन बनाए हैं.'
रंगनाथन ने आगे कहा,
फिर आप किस तरह से तुलना करते हैं? मुझे समझ नहीं आता. उन्होंने करुण नायर को मौका दिया. सही बात है, उसने 800 प्लस रन बनाए हैं. सेलेक्टर्स ने उनमें भरोसा जताया है.
'खेलने का मौका नहीं मिलने से डिप्रेशन में है अभिमन्यु'
अभिमन्यु के पिता का कहना है कि इंग्लैंड सीरीज के दौरान वह लगातार बेटे के साथ संपर्क में हैं और उसका हौसला बढ़ा रहे. उन्होंने कहा, 'मेरा बेटा थोड़ा डिप्रेशन में है लेकिन वह तो होना ही था. कुछ खिलाड़ियों को आईपीएल में खेल के जरिए टेस्ट टीम में चुन लिया जाता है. जब लंबे फॉर्मेट के लिए टीम चुनी जाती है तब आईपीएल के प्रदर्शन को नहीं गिनना चाहिए. टेस्ट सेलेक्शन के लिए रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी और ईरानी ट्रॉफी का आधार होना चाहिए.'