अंशुल कंबोज बुधवार को टीम इंडिया के लिए टेस्ट मैच खेलने वाले 318वें क्रिकेटर बने. चौथे टेस्ट में गेंदबाजों के लगातार चोटिल होने के बाद कंबोज को टीम में शामिल किया गया है. भारत को ये मैच हर हाल में जीतना है. ऐसे में कंबोज को मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह का पूरा साथ देना होगा. कंबोज का टीम के साथ जुड़ना कोई चौंकाने वाली बात नहीं है क्योंकि इस खिलाड़ी ने डोमेस्टिक में तगड़ा प्रदर्शन किया था और टीम में आने के सबसे बड़े हकदार थे.
टाइम्स ऑफ इंडिया से खास बातचीत में अंशुल के कोच उधम सिंह ने कहा कि, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरा बेटा देश के लिए खेलेगा. मैं चाहता था कि वो अपना वजन घटाए. मैंने उनके बचपन के कोच सतीश राणा से कहा था कि वो कंबोज को लगातार गेंदबाजी कराएं. कंबोज का वजन ज्यादा था और मैं उन्हें शेप में लाना चाहता था. मैंने कभी नहीं सोचा था कि वो एक दिन भारत के लिए खेलेगा. मैं उसे जब पहली बार एकेडमी लेकर गया था तब मैंने सोचा नहीं था कि उसे इस खेल से इतना ज्यादा प्यार हो जाएगा.
बता दें कि अंशुल कंबोज इंडिया ए टीम का भी हिस्सा थे. इस दौरान पेस अटैक में मुकेश कुमार और हर्षित राणा भी थे. कंबोज ने इंग्लैंड लायंस के खिलाफ कमाल की गेंदबाजी की. लेकिन पहले टेस्ट में जब हर्षित राणा को इंजरी कवर के तौर पर चुना गया तब कंबोज को भारत आना पड़ा.
एकेडमी में एक स्टम्प लगाकर की गेंदबाजी
कंबोज के कोच ने कहा कि, जब वो भारत आए तब मुझे लगा कि वो निराश होंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वो अगली सुबह ही एकेडमी पहुंच गया और अपने साथ कुछ ड्यूक्स बॉल लेकर आया था. इसके बाद उसने सिंगल स्टम्प पर गेंद फेंकनी शुरू कर दी. इसके बाद मैंने उससे पूछा कि, सबकुछ ठीक है? इसपर उसने जवाब दिया कि, मुझे उम्मीद है. और अब देखने पर लगता है कि उसकी मेहनत रंग लाई है.