England vs India Test Series: इंग्लैंड के अनुभवी तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स ने स्वीकार किया कि दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन अंपायरों के कुछ फैसले भारत के पक्ष में जाने के बाद वह निराश हो गए थे. वोक्स अपनी शानदार लाइन और लेंथ के साथ इंग्लैंड के सबसे सफल गेंदबाज साबित हुए और उन्होंने पहले दिन 18 ओवर में 59 रन देकर दो विकेट लिए. उनकी गेंदबाजी पर इंग्लैंड ने दो रिव्यू लिए, जिन पर तीसरे अंपायर का फैसला भारत के पक्ष में गया. इस तेज गेंदबाज ने इसे निराशाजनक करार दिया.
यह वास्तव में निराशाजनक था. जब आप टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बेताब होते हैं तो भावनाएं हावी हो जाती हैं. अगर ये फैसले हमारे पक्ष में होते तो दिन पूरी तरह से अलग होता, लेकिन यह टेस्ट क्रिकेट है और हम इन चीजों को आत्मसात करके आगे बढ़ते हैं.
इनमें से पहला मामला सातवें ओवर में आया, जब भारत का स्कोर बिना किसी नुकसान के 14 रन था और वोक्स ने यशस्वी जायसवाल के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की अपील की. दूसरा मामला 11वें ओवर में आया, जब भारत का स्कोर एक विकेट पर 21 रन था और करुण नायर भी इसी तरह के रिव्यू से बच गए. दोनों मौकों पर डीआरएस से पता चला कि गेंद स्टंप से टकराई थी, लेकिन बांग्लादेशी अंपायर शरफुद्दौला के नॉट आउट के फैसले को पलटने के लिए काफी नहीं था. वोक्स ने कहा-
अगर यह फैसले हमारे पक्ष में जाते तो हम उनका स्कोर तीन विकेट पर 30 रन कर सकते थे और तब स्थिति पूरी तरह से अलग होती. यह फैसले हमारे पक्ष में भी जा सकते थे,लेकिन हम इस खेल को इसी तरह से खेलते हैं.
जायसवाल ने 87 और नायर ने 31 रन बनाए, जिसके बाद भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने नाबाद 114 रन बनाकर पारी को संभाला और स्टंप तक टीम का स्कोर पांच विकेट पर 310 रन तक पहुंचाया. हालांकि वोक्स ने माना कि डीआरएस ने क्रिकेट में फैसले लेने की प्रक्रिया में सामान्य सुधार किया है, लेकिन उन्होंने इसमें एक विशेष बदलाव की मांग की. उन्होंने कहा-
फैसला समीक्षा प्रणाली ने सामान्य तौर पर अच्छे फैसले दिए हैं लेकिन मैं केवल यही कहना चाहूंगा कि यदि बल्लेबाज गेंद को छोड़ने का फैसला लेता है और गेंद तब भी स्टंप्स पर गिर रही है, तो मुझे लगता है कि उसे आउट दिया जाना चाहिए.