भारत के हाथों एजबेस्टन टेस्ट में हार के बाद इंग्लैंड क्रिकेट टीम को खरी-खोटी सुननी पड़ रही है. लगातार पूर्व क्रिकेटर और एक्सपर्ट्स के हमले जारी है. अब इंग्लैंड के जेफ बॉयकॉट ने ओपनिंग बल्लेबाज जैक क्रॉली और तेज गेंदबाज क्रिस वॉक्स को निशाने पर लिया है. उनका कहना है कि वॉक्स अब बीत चुके हैं और क्रॉली अपनी गलतियों से नहीं सीख रहे हैं. बॉयकॉट का कहना है कि इंग्लिश टीम ऐसे खिलाड़ियों पर दांव खेल रही है जिनका समय जा चुका है. इंग्लैंड को दूसरे टेस्ट में 336 रन की करारी शिकस्त मिली थी.
वॉक्स ने अभी तक दो टेस्ट में 82 ओवर बॉलिंग की ही और इनमें 290 रन देने के बाद तीन विकेट ले सके हैं. वह 50 रन बना पाए हैं. वह अभी इंग्लैंड के सबसे सीनियर गेंदबाज हैं. बॉयकॉट ने उनके बारे में 'The Telegraph' अखबार में लिखा, ऐसे खिलाड़ी जिनका समय जा चुका है उन्हें टीम में बनाए रखना भारी पड़ रहा है. क्रिस वॉक्स को देखिए. उनकी रफ्तार गिर रही है और उम्र बढ़ने के साथ ऐसा होता है. वह विदेश में कभी विकेट लेने वाले नहीं रहे. वहां उनका रिकॉर्ड खराब है. वह इंग्लिश पिचेज पर अच्छे रहे हैं और उनकी बैटिंग एक तरह से सेफ्टी वॉल्व की तरह काम करती है.
'वॉक्स से रनों की उम्मीद गलत'
बॉयकॉट ने इंग्लिश टीम मैनेजमेंट को कोसते हुए कहा कि वॉक्स से रनों की उम्मीद करना गलत है. उनके अनुसार, उनका काम बैटिंग की गलतियां ठीक करना नहीं है. बल्लेबाज रन बनाने के लिए होते हैं और गेंदबाज विकेट चटकाते हैं. वॉक्स अच्छा क्रिकेटर रहा है लेकिन वह जेम्स एंडरसन जैसा कारीगर नहीं है जिन्होंने घर और बाहर काफी विकेट लिए.
क्रॉली के लिए बॉयकॉट ने क्या कहा
क्रॉली के बारे में बॉयकॉट का कहना है कि वह सुधार नहीं कर सकते. दूसरे टेस्ट में हार के बाद इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने भी क्रॉली को कोसा था. उन्होंने कहा कि वह दुनिया के सबसे लकी क्रिकेटर हैं. क्रॉली भारत के खिलाफ दो टेस्ट में अभी तक एक फिफ्टी लगा सके हैं. बॉयकॉट ने उनके बारे में कहा, मुझे नहीं लगता कि वह बदल सकता है या बेहतर हो सकता है. दिल और दिमाग में बैटिंग होने पर तय होता है कि आप कैसे खेलेंगे, किस तरह के शॉट्स के लिए जाएंगे, किन गेंदों को छोड़ेंगे. उसकी तकनीक और सोच में गलतियां हैं. एक तेंदुआ कभी अपनी छाप नहीं बदलता या जैक बदलना नहीं चाहता. वह अपने बेहतरीन सालों की तरफ जा रहा है लेकिन 56 टेस्ट में कुछ नहीं सीखा. एक चमकदार पारी और कई सारी गलतियां. 31 की औसत काफी नहीं है.