मैनचेस्टर टेस्ट के आखिरी मिनटों में इंग्लैंड और भारत के रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर की जोड़ी के बीच हाई-वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. दरअसल दोनों ने बेन स्टोक्स के ड्रॉ के ऑफर को ठुकरा दिया था. उस वक्त दोनों भारतीय बल्लेबाज शतक के करीब थे. इसके बाद बेन स्टोक्स और जडेजा के बहस भी हुई. इसके बाद जडेजा और सुंदर ने अपना अपना शतक पूरा किया और ड्रॉ पर सहमति जताई. हालांकि मैच के बाद हाथ मिलाने वक्त स्टोक्स ने दोनों भारतीय खिलाड़ियों को नजरअंदाज़ किया, जिससे विवाद और बढ़ गया.
गंभीर ने कहा-
अगर कोई 90 रन पर बल्लेबाजी कर रहा है और दूसरा 85 रन पर, तो क्या वे शतक के हकदार नहीं हैं?
क्या वे मैदान छोड़कर चले जाते? अगर इंग्लैंड का कोई खिलाड़ी 90 या 85 रन पर बल्लेबाजी कर रहा होता और उसे अपना पहला टेस्ट शतक बनाने का मौका मिलता, तो क्या आप उसे ऐसा करने की अनुमति नहीं देते?
सुंदर ने दूसरी पारी में अपना पहला टेस्ट शतक पूरा किया. बाएं हाथ के इस बल्लेबाज के तिहरे अंक तक पहुंचने के तुरंत बाद दोनों टीमों के ड्रॉ पर हाथ मिला लिया.
देखिए, यह उन पर निर्भर करता है. अगर वे इस तरह खेलना चाहते हैं, तो यह उन पर निर्भर है. मुझे लगता है कि वे दोनों शतक के हकदार थे, और उन्होंने इसे हासिल किया.