हेडिंग्ले टेस्ट में भारतीय फील्डर्स ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को काफी जीवनदान दिए. स्लिप के इलाके में यशस्वी जायसवाल से तीन कैच छूटे तो जसप्रीत बुमराह की एक विकेट वाली गेंद नो बॉल रही. इसका फायदा इंग्लिश बल्लेबाजों ने उठाया और मजबूत स्कोर बना दिया. इंग्लैंड के जिन बॉलर्स को जीवनदान मिला उसमें एक नाम हैरी ब्रूक का भी रहा.
ब्रूक ने जीवनदान का कैसे उठाया फायदा
ब्रूक ने टेस्ट क्रिकेट में जुलाई 2024 से जून 2025 के बीच 12 महीनों में 26 वैध गेंदों पर कैच दिए और इनमें से 13 टपका दिए गए. इस अवधि में किसी दूसरे बल्लेबाज को इतने जीवनदान नहीं मिले हैं. ब्रूक ने कैच छोड़े जाने का पूरा फायदा भी लिया. उन्होंने इन 12 महीनों के दौरान नौ फिफ्टी प्लस स्कोर बनाए हैं. इनमें से चार शतक और पांच अर्धशतक रहे. 317 उनका सर्वोच्च स्कोर रहा जो उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान में बनाया. बाकी पारियों में वेस्ट इंडीज के खिलाफ 50, 109, श्रीलंका के खिलाफ 56, न्यूजीलैंड के सामने 171, 123, 55 और जिम्बाब्वे के खिलाफ 58 रन बनाए. वहीं भारत के सामने 99 रन की पारी खेली.
कैसा रहा है हैरी ब्रूक का टेस्ट करियर
ब्रूक अभी आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में दूसरे स्थान पर हैं. उनके नाम 26 टेस्ट हैं और इनमें आठ शतक, 12 अर्धशतक की मदद से 2438 रन बना चुके हैं. उनकी टेस्ट में औसत 59.46 की है. अभी तक के करियर में केवल दो बार वे जीरो पर आउट हुए हैं. उनके ज्यादातर रन इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान में आए हैं. अभी तक भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसे मुश्किल हालात में वे टेस्ट नहीं खेले हैं.