England vs India Test Series: भारत और इंग्लैंड के बीच बर्मिंघम में दूसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा है. एजबेस्टन टेस्ट के पहले दिन का खेल जब शुरू हुआ तो बाउंड्री को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई, क्योंकि बाउंड्री की सीमा असमान दिख रही थी. क्रिकेट को करीब से फॉलो करने वाले दर्शकों को तो यहां तक कहना है कि उन्होंने इस स्थान पर टेस्ट मैचों में पहले कभी इतनी छोटी बाउंड्री नहीं देखी थी.
65 मीटर की सबसे लंबी बाउंड्री
सबसे लंबी बाउंड्री 65 मीटर की थी, जो काउ-कॉर्नर की तरफ थी, जबकि सीधी बाउंड्री लगभग 60 मीटर की होती है. दिलचस्प बात यह है कि भारतीय टीम ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वे दो स्पिनरों के साथ उतरेंगे, जिससे अब यह सवाल उठता है कि क्या छोटी बाउंड्री इसलिए लगाई गई, ताकि इंग्लैंड के बल्लेबाज बड़े शॉट खेल सके.
स्पिन के खिलाफ इंग्लैंड की बैटिंग कमजोर मानी जाती है. भारतीय खेमे ने भी सार्वजनिक रूप से कहा था कि इंग्लैंड की बल्लेबाजी लाइनअप को स्पिन रोक सकती है. एजबेस्टन टेस्ट में भारत ने कुलदीप यादव से आगे वाशिंगटन सुंदर को चुना, क्योंकि वह लाइन में लंबे स्पे डाल सकते हैं. साथ ही निचले क्रम में उनकी बल्लेबाजी क्षमता भी बेहतर है. छोटी बाउंड्री निश्चित रूप से इंग्लैंड के बल्लेबाजों को भारतीय स्पिनरों के खिलाफ बड़ी पारी खेलने के लिए प्रोत्साहित करेंगी.
वर्ल्ड कप के दौरान भी थी छोटी बाउंड्री
2019 वर्ल्ड कप के दौरान भारतीय टीम इस बात से नाखुश थी, क्योंकि इंग्लैंड के खिलाफ मैच के लिए यहां की एक तरफ की बाउंड्री असामान्य रूप से छोटी कर दी गई थी और फिर इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने भारत के इन-फॉर्म स्पिनर कुलदीप और युजवेंद्र चहल को बेअसर कर दिया था.