विराट कोहली की सजी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने बीते दिनों आईपीएल 2025 का खिताब जीतकर अपने 18 साल का इंतजार खत्म किया. इस इंतजार के खत्म होने पर कोहली की आंखों से आंसू निकल पड़े थे. वह काफी इमोशनल हो गए थे. जीत के इस पल को कोहली ने अपने करियर के बेहतरीन पलों में से एक बताया था, मगर साथ ही कहा कि यह अभी भी टेस्ट क्रिकेट से 5 लेवल नीचे हैं. वह टेस्ट क्रिकेट को इतनी अहमियत देते हैं. कोहली ने आईपीएल के दौरान ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. अब जसप्रीत बुमराह ने कोहली के पांच लेवल नीचे वाले कमेंट की तरफ इशारा करते हुए यंग प्लेयर्स को टेस्ट फॉर्मेट को अपनाने के लिए कहा.
यह हर खिलाड़ी के लिए बहुत सब्जेक्टिव है मैं विचार प्रक्रिया को समझता हूं. उनका एक ही करियर है. हम बल्ले के पीछे नहीं छिपते. आपको अपने शरीर पर बहुत अधिक दबाव डालना पड़ता है.आपको अपने परिवार की देखभाल करनी होती है और पैसा कमाना होता है. अगर कभी उनका शरीर उन्हें लंबे फॉर्मेट में खेलने की अनुमति नहीं देता है और फिर भी वे खेल में योगदान देना चाहते हैं, तो कभी-कभी वे समझदार स्मार्टर एप्रोच अपनाते हैं.
बुमराह ने कहा कि वह हर व्यक्ति की पसंद का सम्मान करते हैं और किसी को जज नहीं करते, लेकिन टेस्ट क्रिकेट उनके लिए सबसे ऊपर है और वह इसी फॉर्मेट से खुद को जज करते हैं. 31 साल के बुमराह ने दावा किया कि सबसे लंबे फॉर्मेट में अच्छा प्रदर्शन करने से आपको दुनिया भर में सम्मान मिलता है. बुमराह ने कहा-
हर कोई अलग है. यह उस समय से है जब टेस्ट क्रिकेट शिखर पर था. यह फॉर्मेट था. मैं इसे देखते हुए बड़ा हुआ हूं. मैं हमेशा इसी फॉर्मेट के आधार पर खुद का आकलन करता हूं. वर्तमान पीढ़ी की चीजें अलग हैं. टी20 क्रिकेट है. लीग हैं. सोचने का नजरिया बदल गया है.मानसिकता बदल गई है. आप खिलाड़ियों या तेज गेंदबाजों का आकलन नहीं कर सकते. हां यह सबसे शुद्ध फॉर्मेट है, लेकिन हर कोई अलग है.
बुमराह ने कहा-
मैं लोगों को सम्मान पाने के लिए इस फॉर्मेट को खेलने के लिए प्रोत्साहित करूंगा. जैसा कि विराट ने अपने इंटरव्यू में कहा कि आपको इस फॉर्मेट के जरिए से सम्मान मिलेगा. आपको दुनिया भर में सम्मान मिलेगा. अगर यही आपकी प्रेरणा है तो यह फॉर्मेट है. विभिन्न प्रकार का शरीर, विभिन्न मानसिकताएं. अगर आप तेज गति वाला क्रिकेट चाहते हैं तो टी20 और वनडे क्रिकेट ही रास्ता है.
बुमराह उन कुछ गिने-चुने आधुनिक क्रिकेटरों में से हैं, जो तीनों फॉर्मेट में सफल हो रहे हैं. उन्होंने भारत के लिए 45 टेस्ट खेले हैं और 205 विकेट लिए हैं. उनका 19.4 का औसत सबसे लंबे फॉर्मेट के 147 साल के इतिहास में 200 से ज़्यादा विकेट लेने वाले किसी भी गेंदबाज़ का सर्वश्रेष्ठ है.