'मेरे बेटे को रेगुलर मौके नहीं मिलते', वाशिंगटन सुंदर ने बेटे के शतक के बाद सेलेक्शन प्रोसेस पर उठाए सवाल

'मेरे बेटे को रेगुलर मौके नहीं मिलते', वाशिंगटन सुंदर ने बेटे के शतक के बाद सेलेक्शन प्रोसेस पर उठाए सवाल
शतक लगाने के बाद बल्ला हवा में उठाते वाशिंगटन सुंदर

Story Highlights:

वाशिंगटन सुंदर के पिता ने सेलेक्टर्स पर हमला बोला है

सुंदर के चलते ही भारत मैनचेस्टर टेस्ट ड्रॉ कराने में सफल रहा था

वाशिंगटन सुंदर के पिता एम. सुंदर ने भारतीय चयनकर्ताओं पर जमकर गुस्सा जाहिर किया है. उन्होंने अपने बेटे को नेशनल टीम में लगातार मौके न मिलने पर निराशा व्यक्त की. यह बयान मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में चौथे टेस्ट में वाशिंगटन के शानदार प्रदर्शन के बाद आया, जहां इस ऑलराउंडर ने अपना पहला टेस्ट शतक (101*) बनाया और भारत को हार से बचाने में अहम भूमिका निभाई.

वाशिंगटन ने 2017 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया और 2021 में पहला टेस्ट खेला. केवल 11 टेस्ट में उनकी बल्लेबाजी औसत 44.86 और गेंदबाजी औसत 27.87 है, जो उनकी ऑलराउंडर काबिलियत को दर्शाता है. उनके पिता ने 2021 की घटना को याद किया, जब वाशिंगटन को शानदार प्रदर्शन के बावजूद टीम से हटा दिया गया. उन्होंने कहा, “चेन्नई में कठिन पिच पर 85* और अहमदाबाद में 96* रन बनाने के बाद भी उसे बाहर किया गया. एक-दो खराब मैचों में हटाना ठीक नहीं.”

लगभग तीन साल बाद वाशिंगटन को चौथे टेस्ट में मौका मिला, जिसे उन्होंने दोनों हाथों से भुनाया. उनके पिता ने कहा कि यह प्रदर्शन आलोचकों को चुप कराने के लिए काफी है. उन्होंने आईपीएल फ्रेंचाइजी गुजरात टाइटंस पर भी निशाना साधा, जो वाशिंगटन को नियमित मौके नहीं देती. उन्होंने कहा, “आईपीएल 2025 के एलिमिनेटर में वाशिंगटन ने 24 गेंदों पर 48 रन बनाए, फिर भी उसे लगातार मौके नहीं मिले. यशस्वी जायसवाल को राजस्थान रॉयल्स ने पूरा समर्थन दिया, लेकिन वाशिंगटन को घरेलू क्रिकेट में भी मौके नहीं मिले.”

अब सबकी नजरें 31 जुलाई से शुरू होने वाले ओवल टेस्ट पर हैं, जहां वाशिंगटन के प्रदर्शन से भारत सीरीज में बराबरी की उम्मीद रखता है.