IND vs ENG: सरफराज खान का सेलेक्टर्स को करारा जवाब, इंग्लैंड में ठोका शतक, टेस्ट सीरीज से पहले 76 गेंदों में खेली तूफानी पारी

IND vs ENG: सरफराज खान का सेलेक्टर्स को करारा जवाब, इंग्लैंड में ठोका शतक, टेस्ट सीरीज से पहले 76 गेंदों में खेली तूफानी पारी
सरफराज खान (PTI Photo)

Story Highlights:

सरफराज खान ने इंडिया ए के पहले मुकाबले में 92 रन की पारी खेली थी.

सरफराज खान को न्यूजीलैंड सीरीज के बाद से टेस्ट खेलने का मौका नहीं मिला.

युवा बल्लेबाज सरफराज खान ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले सेलेक्टर्स को करारा जवाब दिया है. उन्होंने भारतीय सीनियर टीम और इंडिया ए के बीच चल रहे इंट्रा स्क्वॉड मुकाबले में सैकड़ा लगाया. सरफराज खान ने 76 गेंद में 15 चौकों और दो छक्कों की मदद से 101 रन की पारी खेली और फिर रिटायर्ड आउट हो गए. वे पांचवें नंबर पर बैटिंग के लिए उतरे थे. सरफराज खान इंग्लैंड टेस्ट सीरीज की टीम इंडिया का हिस्सा नहीं है. उन्हें केवल इंडिया ए में चुना गया था और वहां पर भी उन्होंने पहले अनाधिकारिक टेस्ट में शानदार पारी खेली थी.

सरफराज के शतक के दम पर इंडिया ए ने छह विकेट पर 299 रन का स्कोर बनाया. गेंदबाजों में प्रसिद्ध कृष्णा और मोहम्मद सिराज को दो-दो कामयाबी मिली. बताया जाता है कि जसप्रीत बुमराह को कोई विकेट नहीं मिला.

इंडिया ए के लिए किन-किन बल्लेबाजों ने बनाए रन

 

इंडिया और इंडिया ए टीमों के बीच प्रैक्टिस के दूसरे दिन केवल सरफराज खान का बल्ला ही चल सका. उनके अलावा ऋतुराज गायकवाड़ बिना खाता खोले आउट हुए तो अभिमन्यु ईश्वरन ने 39, साई सुदर्शन ने 38 रन की पारी खेली. वाशिंगटन सुंदर ने दो बार बैटिंग की. पहले वे पहली ही गेंद पर बिना खाता खोले आउट हो गए तो दूसरी बारी में 35 रन बनाए. इशान किशन ने नाबाद 45 रन की पारी खेली जिसमें सात चौके शामिल रहे. उनके साथ शार्दुल ठाकुर 19 रन बनाकर नाबाद रहे.

सरफराज खान न्यूजीलैंड सीरीज के बाद से नहीं खेल पाए टेस्ट

 

सरफराज खान को न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में नाकाम रहने की वजह से इंग्लैंड दौरे पर नहीं चुना गया. वे ऑस्ट्रेलिया जाने वाली टीम इंडिया का हिस्सा थे. वहां पर उन्हें केवल एक मैच खेलने को मिला था और वह भी प्रैक्टिस मैच में जहां वे एक रन बना पाए थे. इसके बाद पांच टेस्ट की पूरी सीरीज में वे बेंच पर ही बैठे रहे. भारत ने उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल करने की जगह देवदत्त पडिक्कल, ध्रुव जुरेल को मौका दिया था लेकिन वे भी कुछ खास नहीं कर सके थे.