इंग्लैंड में भारत और मेजबान के बीच खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज की विजेता टीम को अब पटौदी ट्रॉफी नहीं, बल्कि तेंदुलकर एंडरसन ट्रॉफी मिलेगी. शुभमन गिल की अगुआई वाली टीम इंडिया इसी ट्रॉफी को भारत लाने के इरादे से इंग्लैंड दौरे पर गई है. भारत और इंग्लैंड के बीच 20 जून से पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जाएगी. इंग्लैंड में इससे पहले मेजबान और भारत के बीच जो टेस्ट सीरीज खेली जाती थी, उसे पटौदी ट्रॉफी के नाम से जाना जाता था, जिसका शानदार इतिहास रहा है. भारत पटौदी ट्रॉफी का पहला विजेता है.
ट्रॉफी के नामकरण का इतिहास
भारत और इंग्लैंड के बीच इंग्लैंड में खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज की ट्रॉफी का नाम पटौदी क्रिकेट परिवार के नाम पर किया गया था. भारत के पूर्व कप्तान इफ्तिखार अली खान पटौदी तीन बार भारत और इंग्लैंड दोनों दोनों देशों के लिए टेस्ट खेले थे. उनके बाद उनके बेटे मंसूर अली खान पटौदी 1960 और 70 के दशक में भारतीय टीम के लंबे समय तक कप्तान रहे.
पटौदी ट्रॉफी में दोनों टीमों प्रदर्शन
2007 में खेली गई पहली पटौदी ट्रॉफी तीन टेस्ट मैचों की सीरीज थी, जिसमें भारत ने 1-0 से जीता था. दो मैचों ड्रॉ रहे. इसके बाद इंग्लैंड ने 2011 में 4-0 से, 2014 में 3-1 से और 2018 में 4-1 से ट्रॉफी जीती. 2021 में भारत और इंग्लैंड के बीच खेली गई पटौदी ट्रॉफी 2-2 से बराबरी पर रही. इस सीरीज का एक मैच ड्रॉ रहा था. सीरीज ड्रॉ होने की स्थिति में ट्रॉफी भी इंग्लैंड के पास बरकरार रही. जो रूट और जेम्स एंडरसन पटौदी ट्रॉफी के सबसे सफल खिलाड़ी हैं. रूट के नाम इस ट्रॉफी में सबसे ज्यादा 1401 रन है. जबकि एंडरसन के नाम सबसे जयादा 100 विकेट है.