20 मिनट की ट्रेनिंग में खुद को कैसे तैयार करते हैं सूर्यकुमार, बचपन के कोच और दोस्त ने खोला राज

20 मिनट की ट्रेनिंग में खुद को कैसे तैयार करते हैं सूर्यकुमार, बचपन के कोच और दोस्त ने खोला राज

साल 2022 में अगर किसी भारतीय बल्लेबाज ने नाम बनाया है तो वह सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) हैं. इस साल सूर्यकुमार यादव के बल्ले से जमकर रन बरस रहे हैं. जिसके चलते सिर्फ भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशी क्रिकेट दिग्गज और तमाम एक्सपर्ट सूर्यकुमार के कायल हो चुके हैं. इसी बीच मुंबई से आने वाले सूर्यकुमार यादव के बचपन के कोच और दोस्त ने बताया कि कैसे ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप 2022 के लिए वह 20 मिनट की अद्भुत ट्रेनिंग से खुद को तैयार कर रहे थे.

नंबर वन बल्लेबाज हैं सूर्यकुमार 
गौरतलब है कि सूर्यकुमार यादव ने सिर्फ भारतीय पिचों पर ही नहीं बल्कि विदेशी पिचों पर भी अपनी बल्लेबाजी से सभ का दिल जीता. ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप में सूर्यकुमार यादव ने 6 पारियों में 239 रन जड़े थे. जबकि इस साल 2022 में वह टी20 क्रिकेट में एक हजार से अधिक रन बरसा चुके हैं. जबकि 32 साल की उम्र में अब वह आईसीसी टी20 रैंकिंग में दुनिया के नंबर वन बल्लेबाज भी हैं.

कोच और दोस्त ने बताया प्लान 
इस तरह सूर्यकुमार यादव के परिवार के अलावा जिन दो लोगों ने उनमें आए बदलाव को करीब से देखा है वह मुंबई के पूर्व सलामी बल्लेबाज माने और राज्य की टीम में लंबे समय से उनके साथी तथा बचपन के दोस्त सूफियान शेख हैं. माने ने सूर्यकुमार को सबसे पहले 18 साल की उम्र में देखा जब उन्हें मुंबई का प्रतिभावान अंडर-19 क्रिकेटर होने के लिए भारत पेट्रोलियम से 2009 में छात्रवृत्ति मिली.

 

ऑस्ट्रेलिया के हालात के लिए सूर्यकुमार यादव के प्लान के बारे में उन्होंने कहा, "पारसी जिमखाना मैदान में हमने विशेष रूप से उसके लिए काफी घास वाला कड़ा विकेट तैयार किया था. मेरे शिष्यों में से एक, जो मुंबई अंडर-23 खिलाड़ी है, ओम केशकमत ने बाएं हाथ से रोबो-आर्म के साथ थ्रो-डाउन देने का काम किया. मेरे पास भी हर तरह के गेंदबाज थे जो उसे अच्छा अभ्यास दे रहे थे.’’

 

20 मिनट की होती थी ट्रेनिंग 
सूर्यकुमार 20 मिनट बल्लेबाजी करने के बाद निर्धारित लक्ष्य के साथ ट्रेनिंग करते हैं. माने ने कहा, ‘‘जहां लक्ष्य दो ओवर में 28 रन जैसा होगा वहां लक्ष्य का पीछा करना अलग होगा और अगर पहले बल्लेबाजी करते हैं तो पावरप्ले के चार से छह ओवर में 30 रन बनाने हो कहते हैं. वह अकसर कहता था कि मेरे लिए फील्डिंग सजाओ और मुझे लक्ष्य दो, अगर मैं आउट हो गया तो आउट होकर चला जाऊंगा, वह हमेशा मैच के नजरिए से खेलता था.’’

 

सूर्यकुमार की क्या है ताकत?
वहीं दोस्त शेख ने कहा, ‘‘लोग गेंद का शरीर से दूर होना पसंद करते हैं ताकि वे अपने हाथ खोल सकें. सूर्या इसके विपरीत है. वह कम से कम जगह मिलने पर भी शॉट खेलता है. वह स्टंप के पीछे अविश्वसनीय शॉट खेलता है और वह दृढ़ संकल्प होता है कि गेंदबाजों को अपने शरीर पर गेंदबाजी के लिए मजबूर करे. सबसे खराब स्थिति में यह होगा कि गेंद उसे लगेगी और वह चोट उसे याद दिलाएगी कि उसे और तेज होने की जरूरत है.’’

 

भारतीय पिचों पर थाई पैड नहीं पहनते हैं सूर्यकुमार 
सूर्यकुमार का दिमाग कैसे काम करता है इसे लेकर उन्होंने एक और बात बताई. शेख ने अंत में कहा, ‘‘जाहिर है बहुत उछाल वाली ठोस पिचों पर वह जांघ (थाई) में पैड पहनता था लेकिन अहमदाबाद में इंग्लैंड के खिलाफ अपने टी20 अंतरराष्ट्रीय डेब्यू पर उसने जांघ में पैड नहीं पहना था. भारतीय पिचों पर वह वजन कम करने के लिए कई बार ऐसा करता है और जिससे उसे दो और तीन रन तेजी से भागने में मदद मिलती है."