Exclusive: छोटे कद के कारण जब एजाज पटेल को कर दिया गया था बाहर, तेज गेंदबाज से स्पिनर में ऐसा किया खुद को तब्दील

Exclusive: छोटे कद के कारण जब एजाज पटेल को कर दिया गया था बाहर, तेज गेंदबाज से स्पिनर में ऐसा किया खुद को तब्दील

नई दिल्ली। भारत और न्यूजीलैंड के बीच हुए कानपुर टेस्ट में एजाज पटेल उतने मशहूर नहीं हुए थे जितना मुंबई टेस्ट में हो गए. कारण है, एक पारी में 10 विकेट लेकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना और एक टेस्ट में कुल 14 विकेट लेकर कईयों को पीछे छोड़ना. आज एजाज पटेल दुनिया के तीसरे ऐसे गेंदबाज बन गए हैं जिन्होंने 10 विकेट लेने का कारनामा किया है. एजाज का नाम आज पूरी दुनिया जानती है और कहीं न कहीं इसके पीछे उनका मुंबई कनेक्शन भी है. मुंबई में पैदा हुए एजाज ने भारत के खिलाफ मुंबई के वानखेड़े में ही ये बड़ा कारनामा किया. न्यूजीलैंड की टीम भले ही टेस्ट सीरीज गंवा बैठी लेकिन एजाज ने मुंबई टेस्ट में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में गुदवा दिया. एजाज पटेल के दमदार प्रदर्शन और इस बड़ी उपलब्धि पर स्पोर्ट्स तक ने उनसे एक्सक्लूसिव बातचीत की जिसमें उन्होंने अपने सफर के बारे में बताया है.

तेज से स्पिन में आना मेरे लिए काफी मुश्किल था
एजाज ने अपने सफर के बारे में बताया कि, मुझे शुरू से ही पता था कि मुझे हर गेंद पर मेहनत करनी है. मेरा परिवार मुंबई से है जहां हम बाद में न्यूजीलैंड चले गए. ऐसे में अंत में मेरा सपना सच हुआ. मैं 10 विकेट लेकर काफी खुशी महसूस कर रहा हूं. मुंबई में मैंने माउंट मेरी में पढ़ाई की थी और हम यहां बिल्डिंग में रहते थे. मैं चौल और पार्क में खेला करता था. मेरे चाचा ने मुझे एक क्लब में डाल दिया. इसके बाद मुझे क्रिकेट खेलने का शौक लगा. मैंने न्यूजीलैंड में ऑकलैंड के लिए काफी बेहतरीन प्रदर्शन किया. लेकिन मैं कंफ्यूज था कि अगर एक ट्रैक पर नहीं चला तो न स्पिनर बन पाऊंगा और न ही तेज गेंदबाज. लेकिन मेरे परिवार और बाकी लोगों के सपोर्ट के कारण मैंने अंत में सही फैसला किया.

छोटे कद के कारण मुझे किया गया था बाहर
एजाज ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बताया कि, मैं पहले तेज गेंदबाजी करता था और मुझे घरेलू क्रिकेट में इसको लेकर काफी सफलता भी मिली. लेकिन छोटे कद के कारण मेरा सेलेक्शन नहीं हुआ और मुझे बाहर कर दिया गया. इसके बाद मुझे समझ नहीं आया कि मैं आगे कैसे बढ़ूं लेकिन फिर मेरे कोच दीपक पटेल ने मेरी मदद की. वह हर रोज मुझे टिप्स देते और फिर मैं उसपर काम करता. इसके बाद मैंने स्पिन गेंदबाजी की बारीकी सीखी. मैंने हर दिन स्पिन गेंदबाजी के अलग अलग गुर सीखे. घरेलू सीजन में मैंने लगातार अभ्यास किया जिसके बाद अंत में मुझे मौका मिला.