नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम को केपटाउन वनडे में जीत के करीब पहुंचकर भी हार का सामना करना पड़ा. इस चार रन की हार के साथ ही ये भी तय हो गया कि टीम इंडिया तीन मैचों की वनडे सीरीज के सभी मैच हारकर स्वदेश लौटेगी. हालांकि निचले क्रम में दीपक चाहर ने ताबड़तोड़ अर्धशतक लगाकर टीम इंडिया को जीत के दरवाजे तक पहुंचा दिया था और तब भारत को 18 गेंदों पर सिर्फ दस रनों की जरूरत थी. इसी स्कोर पर बड़ा शॉट लगाने के चक्कर में दीपक चाहर आउट हो गए और यहां से मैच भारत के हाथ से फिसल गया. इसी बात को लेकर अब पूर्व दिग्गज सुनील गावस्कर ने चौके-छक्के से जीत दर्ज करने की मानसिकता को लेकर काफी नाराजगी जाहिर की है.
इतनी जल्दी किस बात की थी...
सुनील गावस्कर ने स्पोटर्स तक से खास बातचीत में कहा, जिस तरह से आखिरी के दस ओवरों का खेल हुआ, ऐसा लग रहा था कि साउथ अफ्रीका के लिए जीतना मुश्किल होगा. लेकिन लुंगी एन्गिडी के एक बड़े ओवर के बाद हमने जो कुछ शॉट देखे, उन्हें देखकर हो सकता है कि आप कहें कि इतनी जल्दी क्या थी. दीपक चाहर ने शानदार पारी खेली और मैच लगभग जिता दिया था. हमें आखिरी 18 गेंदों पर 10 रन बनाने थे. आप सिंगल्स लेकर मैच जीत सकते थे. उस वक्त बड़ा शॉट खेलने की क्या जरूरत थी?
मानसिकता पर सवाल
सुनील गावस्कर ने कहा, मैं दीपक चाहर को कसूरवार नहीं मान रहा हूं. बल्कि सिर्फ इतना कह रहा हूं कि आजकल इस तरह की मानसिकता हो गई है कि अगर आपको कोई मैच जीतना है तो वो चौके या छक्के से ही जीता जा सकता है, सिंगल्स से नहीं. और इसकी वजह से ही भारत के हाथ से जीत फिसल गई. मैं किसी की आलोचना नहीं कर रहा हूं बल्कि सिर्फ इस मानसिकता पर सवाल उठा रहा हूं. अगर आप सिंगल्स लेकर मैच जीतते हैं तो लोग एक भी बात नहीं कहेंगे. लेकिन अगर आप चौके या छक्के से मैच जीतते हैं तो लोग कहेंगे कि देखो उसने बाउंड्री के साथ मैच खत्म किया. इन्हीं बातों को सुनने के लिए कोई भी सिंगल्स लेकर मैच जीतना नहीं चाहता. दीपक चाहर ने केपटाउन वनडे में 34 गेंदों पर 54 रनों की जोरदार पारी खेली थी लेकिन जब टीम जीत के बेहद करीब पहुंच गई तभी वो बड़ा शॉट लगाने के चक्कर में अपना विकेट दे बैठे और भारत को चार रन की हार का सामना करना पड़ा.