नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चल रही एकदिवसीय सीरीज हारने के बाद, केएल राहुल के नेतृत्व वाली भारतीय टीम फाइनल मैच जीतकर और क्लीन स्वीप से बचकर कुछ गौरव हासिल करना चाहेगी. तीसरा और अंतिम एकदिवसीय मैच विराट कोहली के लिए दौरे को अच्छे नोट पर समाप्त करने का मौका होगा क्योंकि वह अपने शतक के सूखे को अब तक खत्म नहीं कर पाए हैं. कोहली ने आखिरी बार 2019 में एक अंतरराष्ट्रीय शतक बनाया था. ईडन गार्डन में डे- नाइट टेस्ट में बांग्लादेश के खिलाफ उन्होंने शतकीय पारी खेली थी. सीरीज की बात करें तो पहले दोनों मैच में भारतीय टीम की रणनीति पूरी तरह विफल रही. बल्लेबाज बीच के ओवरों में बड़ी साझेदारियां निभाने में नाकाम रहे जबकि जसप्रीम बुमराह को छोड़कर बाकी भारतीय गेंदबाजों ने निराशाजनक प्रदर्शन किया और उनकी गेंदबाजी क्लब स्तर की लगी.
दो मैचों में भारत के हाथ लगे सिर्फ 7 विकेट
इन दोनों मैचों में भारतीय गेंदबाज केवल सात विकेट ले पाए. उन्होंने पहले मैच में चार और दूसरे मैच में तीन विकेट हासिल किए. रविचंद्रन अश्विन और खासकर भुवनेश्वर कुमार जैसे अनुभवी गेंदबाज किसी भी समय रासी वान डर डुसेन, जानेमन मलान और क्विंटन डीकॉक जैसे दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों के सामने चुनौती पेश नहीं कर पाए. पहले दो मैचों की असफलता के बाद सभी रणनीतिक चालों को चलने के लिए बेताब मुख्य कोच राहुल द्रविड़ अगले मैच में आक्रमण को नयापन देने के लिए जयंत यादव और दीपक चाहर को आजमा सकते हैं. ऐसे में तीसरे और आखिरी वनडे मुकाबले में टीम इंडिया की प्लेइंग 11 में बदलाव हो सकते हैं और दूसरे खिलाड़ियों को मौका दिया जा सकता है.
अफ्रीका का पलड़ा भारी
पहले दो मैच बोलैंड पार्क पर खेले गए जहां कम तेजी और उछाल मिलती है और कप्तान केएल राहुल तक ने स्वीकार किया कि यहां की परिस्थितियां काफी हद तक स्वदेश जैसी हैं. इसके बावजूद भारतीय खिलाड़ियों की नाकामी चिंता का विषय है. न्यूलैंड्स में हालांकि अधिक तेजी और उछाल होने की संभावना है लेकिन भारत टीम 0-3 से सीरीज गंवाने से बचने के लिए अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगी. कप्तान राहुल के लिए पहले टेस्ट में शतक को छोड़कर यह दौरा अब तक यादगार नहीं रहा है. उन्हें भले ही भविष्य का कप्तान माना जा रहा है लेकिन अभी तक उन्होंने अपने नेतृत्वकौशल से प्रभावित नहीं किया है.
कप्तान रहा फेल
पहले दो मैचों में कप्तानी के अलावा बल्लेबाजी में भी राहुल ने निराश किया. वह स्ट्राइक रोटेट करने में असफल रहे जो कि वनडे में जरूरी माना जाता है. इससे बाद के बल्लेबाजों पर भी दबाव बढ़ा. रोहित शर्मा की वापसी पर राहुल को शीर्ष क्रम में अपना स्थान गंवाना पड़ सकता है क्योंकि शिखर धवन ने वापसी पर अच्छी फॉर्म दिखाई है. विराट कोहली ने पहले मैच में 51 रन बनाए लेकिन उन्हें वनडे कप्तानी से हटाया गया था और मैदान पर उनकी पहले जैसी ऊर्जा नजर नहीं आई. इसके अलावा दोनों अय्यर श्रेयस और वेंकटेश भी अब तक प्रभावित नहीं कर पाए हैं जो कि भारत के लिये चिंता का विषय है.