IND vs SA: पार्ल पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ नहीं खेला एक भी मैच, फिर भी इस मैदान पर अजेय है टीम इंडिया

IND vs SA: पार्ल पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ नहीं खेला एक भी मैच, फिर भी इस मैदान पर अजेय है टीम इंडिया

नई दिल्‍ली. भारत का साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज जीतने का सपना तो टूट गया है. 1-0 की बढ़त लेने के बावजूद भारत सीरीज जीतने में असफल रहा और तीन टेस्ट मैच की सीरीज 2-1 से हार गया. अब दोनों टीमें तीन वनडे मैचों की सीरीज में आमने-सामने होंगी. 2017 के बाद ये पहली बार होगा जब विराट कोहली मैदान में होंगे लेकिन बतौर कप्‍तान नहीं बल्कि एक खिलाड़ी के तौर पर. सीमित ओवर प्रारूप में भारत के नए कप्‍तान रोहित शर्मा के चोटिल होने के चलते साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में केएल राहुल टीम इंडिया की कमान संभालेंगे. दोनों टीमों के बीच सीरीज का पहला मैच पार्ल के मैदान पर खेला जाएगा. टीम इंडिया 18 साल बाद इस मैदान पर कोई वनडे खेलेगी. 2003 में भारत ने पार्ल के बोलैंड पार्क में पिछला मैच खेला था. भारत ने इस मैदान में अब तक केवल तीन मैच खेले हैं जिसमें एक मैच टाई रहा तो वहीं दो मैच में टीम विजयी रही. यानी टीम इंडिया इस मैदान पर अजेय है. हालांकि दिलचस्‍प बात ये है कि टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ इस मैदान पर कोई मैच नहीं खेला है. आइए जानते हैं भारत और उसके पार्ल से जुड़े इतिहास के बारे में.

1997 में जिम्बाब्वे से मैच रहा टाई
भारत ने पार्ल में अपना पहला वनडे मैच जिम्बाब्वे के खिलाफ 1997 में खेला था. जिम्बाब्वे ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और 50 ओवरों में आठ विकेट खोकर 236 रन बनाए. जिम्बाब्वे की तरफ से कप्तान एलिस्टर कैंपबेल ने 61 और पॉल स्‍ट्रैंग ने 41 रनों की पारी खेली तो वहीं भारत की तरफ से सबसे ज्यादा 3 विकेट वेंकटेश प्रसाद ने चटकाए. 237 के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम रॉबिन सिंह के 48 और सबा करीम के 38 रनों के चलते 236 रन ही बना सकी और पूरी टीम ऑल आउट हो गई और मैच टाई हो गया. जिम्बाब्वे की तरफ से एडो ब्रैंडेस ने पांच विकेट चटकाए और भारत को जीत से वंचित कर दिया.

केन्या को दी शिकस्‍त
साल 2001 में त्रिकोणीय सीरीज के मैच में भारत ने केन्या पर बड़ी जीत दर्ज की. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय ओपनर सचिन तेंदुलकर और कप्तान सौरव गांगुली ने केन्या के गेंदबाजों पर धावा बोल दिया. दोनों खिलाड़ियों के बीच पहले विकेट के लिए 41 ओवरों में 258 रनों की साझेदारी हुई जो भारतीय क्रिकेट इतिहास में रिकॉर्ड है. गांगुली ने 111 तो वहीं सचिन ने 146 रन की पारी खेली. इन दोनों के अलावा वीरेंद्र सहवाग ने 23 गेंदों में 55 रन की तूफानी पारी खेली. भारतीय बल्लेबाजों ने तीन विकेट खोकर 351 रन बनाए और केन्या को 352 रनों का बड़ा लक्ष्य दे दिया. केन्या यह लक्ष्य हासिल करने में नाकाम रहा 50 ओवरों में पांच विकेट पर केवल 165 रन ही बना पाया और मैच 186 रनों से हार गया.