IND vs SA: ना 29 साल का कलंक मिटा, ना 36 महीनों का इतिहास बचा, टेस्ट के बाद वनडे सीरीज भी हारा भारत

IND vs SA: ना 29 साल का कलंक मिटा, ना 36 महीनों का इतिहास बचा, टेस्ट के बाद वनडे सीरीज भी हारा भारत

नई दिल्ली। भारतीय टीम जब कागजों पर कमजोर मानी जाने वाली साउथ अफ्रीकी टीम के खिलाफ दौरे पर गई थी. तब सभी को लग रहा था कि इस बार टीम इंडिया के पास साउथ अफ्रीका को उसके घर में न सिर्फ धूल चटाने का मौका है. बल्कि 29 सालों से टेस्ट सीरीज में जारी हार के सूखे को समाप्त करने करने का सुनहरा मौका हैं. लेकिन टेस्ट सीरीज तो छोड़िए उसके बाद केएल राहुल की कप्तानी में टीम इंडिया वनडे सीरीज पर भी कब्जा नहीं जमा सकी. कागजों पर कमजोर नजर आने वाली साउथ अफ्रीका ने मैदान में चैंपियन टीम की तरह प्रदर्शन किया और दूसरे वनडे में टीम इंडिया को 7 विकेट से मात देते हुए तीन मैचों की सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली. इस तरह विराट कोहली की कप्तानी में टेस्ट टीम इंडिया 29 सालों की अपनी हार का कलंक नहीं मिटा सकी. जबकि साल 2018 में 6 मैचों की वनडे सीरीज 5-1 से जीतने के 36 महीनों बाद अपने इतिहास को बरकरार भी नहीं रख सकी.

डी कॉक और मलान ने भारत को चटाई धूल 
पार्ल के मैदान में पहला वनडे मैच 31 रनों से हारने के बाद सभी को टीम इंडिया से उम्मीदें थी लेकिन दूसरे वनडे मैच में साउथ अफ्रीका के सलामी बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक और यानेमन मलान ने भारत को दूसरे मैच में धूल चटा दी. रिषभ पंत के करियर की सर्वोच्च 85 रन की पारी से भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए साउथ अफ्रीका को 288 रनों का लक्ष्य दिया था. जिसके जवाब में पीछा करने उतरे साउथ अफ्रीका के सलामी बलेल्बाजों ने ही भारत को बैकफुट पर धकेल दिया. डी कॉक और मलान के बीच पहले विकेट के लिए ओपनिंग में 132 रनों की बेजोड़ साझेदारी हुई. जिससे साउथ अफ्रीका ने मैच में अपनी पकड़ बना ली. हालांकि तभी डी कॉक 78 रन की पारी में सात चौके और तीन छक्के लगाकर शार्दुल ठकुर का शिकार बने. लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी.

साधारण रही गेंदबाजी 
डी कॉक के आउट होने के बाद मलान ने एक छोर संभाले रखा और 108 गेंदों में 91 रनों की शानदार पारी खेली और शतक जड़ने से चूक गए. मलान ने इस दौरान आठ चौके और एक छक्का लगाया. जिसके चलते साउथ अफ्रीका जीत के नजदीक पहुंच चुका था. तभी कप्तान बावुमा 35 रन पर चहल का शिकार बन गए लेकिन इसके बाद अंत में पछले मैच में शतक जड़ने वाले रासी वैन दर दुसें (37 रन नाबाद) और एडन मार्कराम (37 रन नाबाद) ने आसानी से जीत दिलाई. भारत के लिए एक बार फिर गेंदबाज कुछ ख़ास नहीं कर सके और जसप्रीत बुमराह, शार्दुल ठाकुर और युजवेंद्र चहल ही एक-एक विकेट ले सके. जबकि  भुवनेश्वर कुमार, आर . अश्विन और वेंकटेश अय्यर विकेट को तरसते नजर आए.

राहुल-पंत में हुई गलतफहमी 
ऐसे में कोहली के पवेलियन जाने के बाद मैदान में रिषभ पंत आए और उन्होंने कप्तान राहुल के साथ पारी को आगे बढाया. लेकिन तभी पंत और राहुल के बीच विकेट के बीच गलतफहमी हुई और पारी के 16वें ओवर में महाराज की 5वीं गेंद पर पंत ने लेग साइड की तरफ शॉट खेला और राहुल को रन लेने के लिए कॉल की. ऐसे में राहुल तेजी से पंत की तरफ भागते चले गए लेकिन पंत की नजरें गेंद पर थी और उन्होंने जैसे ही देखा गेंद सीधा फील्डर के हाथ में हैं तो उन्होंने राहुल से वापस जाने को कहा और बीच में ही रुक गए. इस पर राहुल वापस नहीं जा सके थे और फील्डर ने महारज को थ्रो दिया और उनसे गेंद छूट गई. जिसके बाद मिड ऑफ पर खड़े अन्य खिलाड़ी भी गेंद को पकड़ नहीं सके और राहुल को जीवन दान मिल गया.

 

पंत ने खेली वनडे करियर की सर्वोच्च पारी 
इस तरह पंत और राहुल ने अपनी गलतफहमी के बाद हालांकि साउथ अफ्रीका को मौका नहीं दिया और दोनों बल्लेबाजों के बीच मध्यक्रम में तीसरे विकेट के लिए 19 ओवर से भी कम में 115 रन की साझेदारी की। इस दौरान पंत ज्यादा आक्रामक रहे और उन्होंने मध्यम गति के गेंदबाजों और स्पिनरों के खिलाफ सहजता से रन बनाये। हालांकि तभी कप्तान राहुल 79 गेंदों में 55 रन बनाकर चलते बने. हालांकि पंत ने अपने अंदाज में बल्ल्लेबाजी करना जारी रखा और साउथ अफ्रीका की सरजमीं पर अपने वनडे करियर का पहला शतक लगाने से चूक गए और 85 रन के स्कोर पर शम्सी की गेंद पर मार्कराम को कैच देकर चलते बने. पंत ने अभी तक के अपने वनडे करियर की सर्वोच्च पारी खेली और इसमें 10 चौके तो 2 छक्के लगाए.

 

दोनों अय्यर रहे फ्लॉप तो शार्दुल हुए हिट 
पंत के आउट होने के बाद हालांकि श्रेयस अय्यर (14 गेंदों में 11 रन) और वेंकटेश अय्यर (33 गेंदों में 22 रन) रन बनाने के लिए जूझते दिखे। लेकिन अंत में शार्दुल ठाकुर (38 गेंद में नाबाद 40 रन) ने रविचंद्रन अश्विन (24 गेंद में नाबाद 25 रन) के साथ 6.1 ओवर में 48 रन की अटूट साझेदारी कर टीम को 287 के प्रतिस्पर्धी स्कोर तक पहुंचाया। साउथ अफ्रीका के लिए मैच में सबसे अधिक दो विकेट तबरेज शम्सी ने लिए.