नई दिल्ली। साल 2021 के अंतिम टेस्ट मैच में सेंचुरियन का किला फतह करने के बाद टीम इंडिया जोहानिसबर्ग पहुंच चुकी है. ऐसे में जोहानिसबर्ग है तो साउथ अफ्रीका में स्थित लेकिन इस मैदान पर टीम इंडिया का सिक्का चलता है. पिछले 29 सालों के इतिहास पर नजर डालें तो इस मैदान पर टीम इंडिया को अभी तक साउथ अफ्रीका हरा नहीं सकी है. जबकि पिछले 5 टेस्ट मैचों में टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका दौरे पर जोहानिसबर्ग के मैदान में दो में जीत हासिल की है जबकि तीन ड्रॉ रहे हैं. इस तरह तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में पहले से ही 1-0 से आगे हो चुकी जब कोहली की विराट सेना अपने पसंदीदा मैदान पर उतरेगी तो इस किले पर अपना दबदबा कायम रखना चाहेगी. ऐसे में अगर टीम इंडिया इस टेस्ट मैच में जीत हासिल करती है तो उसके साथ ही साउथ अफ्रीका में पिछले 29 सालों से चले आ रहे इतिहास को पलट देगी. कोहली के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया के बाद साउथ अफ्रीकी सरजमीं पर पहली टेस्ट सीरीज हासिल कर टीम इंडिया तिरंगा लहराती नजर आएगी. इस तरह नए साल के सुनहरे मौके को टीम इंडिया दोनों हाथ लेना चाहेगी और साउथ अफ्रीका को उसकी ही धरती पर धूल चटाकर नए साल के पहले टेस्ट में जीत से आगाज करना चाहेगी.
इसी मैदान पर बनी थी कोहली की घातक सेना
गौरतलब है कि साल 2018 में इसी मैदान पर भारत की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट टीम में से एक की नींव रखी गई जब काफी मुश्किल पिच पर भारत ने मेजबान टीम को हराया और टीम इंडिया को शीर्ष टीमों से भिड़ने और उन्हें उन्हीं के मैदान पर पस्त करने का आत्मविश्वास मिला. भारतीय टीम लगभग चार साल से विदेशी सरजमीं पर प्रभावी प्रदर्शन कर रही है और टीम का रुकने का कोई इरादा नहीं है. जोहानिसबर्ग के वांडरर्स स्टेडियम में टेस्ट जीत इस पारंपरिक प्रारूप में देश के महानतम कप्तानों में से एक के रूप में कोहली के दर्जे को मजबूत करेगी जो न्यूजीलैंड को छोड़कर चार SENA देशों (साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) में से जीत में सीरीज जीत चुका होगा.
बदलाव के दौर से गुजर रही है साउथ अफ्रीका
साउथ अफ्रीका की टीम कई दिग्गज खिलाड़ियों के जाने के बाद बदलाव के दौर से गुजर रही है और भारत के पास टेस्ट सीरीज जीतने का इससे अच्छा मौका नहीं होगा. साउथ अफ्रीका की मौजूदा टीम के लिए भारत को चुनौती दे पाना आसान नहीं होगा लेकिन मेजबान टीम के पास कागिसो रबाडा और लुंगी एंगिडी जैसे तेज गेंदबाज हैं जो अकेले दम पर पर विरोधी टीम के बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त कर सकते हैं.
शतक का सूखा ख़त्म करना चाहेंगे कोहली
निजी तौर पर कोहली ने पहले टेस्ट में राहत की सांस ली होगी क्योंकि भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली के साथ विवाद के बाद यह तय हो गया है कि वह अब बोर्ड के पसंदीदा नहीं हैं. कोहली पिछले दो साल से अधिक समय से शतक जड़ने में नाकाम रहे हैं और उनकी नजरें इस सूखे को खत्म करने पर टिकी होगी. कोहली ने पहले टेस्ट से पहले और बाद में मीडिया का सामना नहीं किया और अब मुख्य कोच राहुल द्रविड़ एक बार फिर ‘द वॉल’ की भूमिका निभा रहे हैं.
टीम के माहौल में द्रविड़ की भूमिका अहम
द्रविड़ की भूमिका माहौल को शांत करने की है. वह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वह टीम के आंतरिक मामलों के बारे में बात नहीं करेंगे. मुख्य कोच एक बार मामले को ठंडा कर चुके हैं.
5 गेंदबाजों का प्लान रहेगा जारी
पांच गेंदबाजों के साथ उतरने की कोहली की चाहत के कारण संभावना कम ही है कि भारत की प्लेइंग इलेवन में बदलाव होगा. भारत ने धीमी ओवर गति के कारण विश्व टेस्ट चैंपियनशिप तालिका में एक अंक गंवाया था और तेज गेंदबाजी की अनुकूल पिच पर चार तेज गेंदबाजों के साथ रविचंद्रन अश्विन गेंदबाजी क्रम का अहम हिस्सा होंगे. शार्दुल ठाकुर गेंदबाजी क्रम की सबसे कमजोर कड़ी हैं. उमेश यादव उनसे अधिक प्रभावी हैं लेकिन मुंबई के आलराउंडर की अहम समय पर विकेट चटकाने की क्षमता और बेहतर बल्लेबाजी उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह बनाने का प्रबल दावेदार बनाती है. वांडरर्स की जीवंत पिच पर उमेश बुरा विकल्प नहीं होंगे फिर भले ही इसके लिए अतिरिक्त बल्लेबाज खिलाना पड़ा जो कोहली का तरीका नहीं है.
बल्लेबाजी में पुजारा और रहाणे से बड़ी पारी की उम्मीदें
जहां तक बल्लेबाजी क्रम का सवाल है तो अगर कोई बल्लेबाज अनफिट नहीं होता है तो इसमें बदलाव की संभावना कम है. सभी पांच विशेषज्ञ बल्लेबाज और विकेटकीपर ऋषभ पंत एक बार फिर प्लेइंग इलेवन का हिस्सा होंगे. चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे को अभी टीम से बाहर नहीं किया जाएगा क्योंकि द्रविड़ उन्हें सफलता हासिल करने का पर्याप्त मौका देना चाहते हैं जिसके बाद ही श्रेयस अय्यर और हनुमा विहारी के नाम पर विचार किया जाएगा. तीन बड़े खिलाड़ियों से बड़ी पारी का इंतजार है और अगर ये दोनों एक साथ फॉर्म में वापसी करते हैं तो फिर यह मेजबान टीम के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं होगा.
टीमें इस प्रकार हैं:-
भारत: विराट कोहली (कप्तान), लोकेश राहुल, मयंक अग्रवाल, चेतेश्वर पुजारा, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत, रविचंद्रन अश्विन, शार्दुल ठाकुर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, अजिंक्य रहाणे, रिद्धिमान साहा, जयंत यादव, प्रियांक पांचाल, उमेश यादव, हनुमा विहारी और इशांत शर्मा.
साउथ अफ्रीका: डीन एल्गर (कप्तान), तेंबा बावुमा, कागिसो रबादा, सेरेल इर्वी, ब्युरोन हैंड्रिक्स, जॉर्ज लिंडे, केशव महाराज, लुंगी एनगिडी, ऐडन मार्कराम, वियान मुल्डर, कीगन पीटरसन, रेसी वान डेर दुसें, काइल वेरेन, मार्को जेनसन, ग्लेंटन स्टुरमैन, प्रेनेलान सुब्रायेन, सिसांदा मगाला, रेयान रिकलटन और डुआने ओलिवर.