29 सालों से 'जोहानिसबर्ग' में कायम है भारतीय खिलाड़ियों का दबदबा, आज तक नहीं जीता साउथ अफ्रीका

29 सालों से 'जोहानिसबर्ग' में कायम है भारतीय खिलाड़ियों का दबदबा, आज तक नहीं जीता साउथ अफ्रीका

नई दिल्ली। सीरीज का पहला मैच जीतने के बाद भारतीय टीम सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच के लिए जोहानिसबर्ग में बढ़त लेने को तैयार है. जैसे सेंचुरियन का मैदान साउथ अफ्रीका के लिए किला था वैसे ही उनके घर में जोहानिसबर्ग भारत के लिए विदेशी किले जैसा ही है. ऐसा इसलिए क्योंकि अभी तक भारत को जोहानिसबर्ग के मैदान में कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा है. मैच के नतीजे या तो भारत के पक्ष में गए हैं या फिर दोनों में से कोई टीम नहीं जीत पाई है. भारत और साउथ अफ्रीका के बीच जोहानिसबर्ग में 5 बार टेस्ट मैच हुए हैं जिसमें भारत दो बार जीता है और तीन मैच डॉ पर खत्म हुए हैं. आइए जानते हैं भारत और साउथ अफ्रीका के बीच हुए उन पांच टेस्ट मैचों के बारें में कि आखिर कैसे जोहानिसबर्ग के मैदान में भारत का पलड़ा साउथ अफ्रीका पर भारी रहा.

1992 में इस मैदान पर चला कुंबले का जादू 
1992 में भारतीय टीम जब पहली बार साउथ अफ्रीकी दौरे पर गई थी. डरबन में हुआ सीरीज का पहले टेस्ट मैच डॉ रहा था और दूसरा टेस्ट मैच साउथ अफ्रीका की राजधानी जोहानिसबर्ग में खेला गया. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए साउथ अफ्रीका ने पहली पारी में जोन्टी रोड्स के 91 और ब्रायन मैक्मिलन के 98 रनों की बदौलत 292 रन बनाए. जवाब में भारत ने पहली पारी में सचिन तेंदुलकर की 111 रनों की शतकीय पारी के बावजूद सिर्फ 227 रन बनाए. दूसरी पारी में मेजबान अनिल कुंबले की फिरकी में फंस गए और 252 रनों पर ढेर हो गए. कुंबले ने छह विकेट चटकाकर मेजबानों की कमर तोड़ दी. साउथ अफ्रीका के दिए गए 318 रनों का पीछा करते हुए भारत चार विकेट खोकर 141 रन बना पाया और इसी के साथ जोहानिसबर्ग टेस्ट मैच डॉ पर खत्म हुआ.

1996 में इस मैदान पर गरजा था द्रविड़ का बल्ला 
1996 को दौरे पर तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले दो टेस्ट मैच भारत हार चुका था और अब तीसरा और अंतिम टेस्ट मैच खेलने जोहानिसबर्ग पहुंचा था. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने राहुल द्रविड़ के शानदार 148 और सौरव गांगुली के 75 रनों की बदौलत 410 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा कर दिया. साउथ अफ्रीका पहली पारी में शॉन पोलाक के 79 और बाकी साथियों की छोटी-छोटी पारियों की मदद से 321 रन ही बना पाया. भारत ने दूसरी पारी में 8 विकेट खोकर 266 रन बनाए और पारी घोषित कर साउथ अफ्रीका को 356 रनों का लक्ष्य दिया. भारत के लिए एक बार फिर द्रविड़ ने 81 और गांगुली ने 60 रनों की पारिया खेलीं. साउथ अफ्रीकी टीम डेरिल कलिनन की 122 रनों की शतकीय पारी के बवजूद आठ विकेट खोकर 228 रन बना पाया और मैच डॉ कराने में सफल रहा.

 

2013 में कोहली और पुजारा ने जड़ा था इस मैदान पर शतक 
2013 में भारतीय टीम एक बार फिर जोहानिसबर्ग में तिरंगा लहराने के लिए तैयार थी लेकिन डीविलियर्स और डुप्लेसी ने ऐसा होने नहीं दिया. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए विराट कोहली के 119 रनों की मदद से 280 रन बनाए. पहली पारी में साउथ अफ्रीका ने ग्रेम स्मिथ के 68 और फिलेंडर के 59 रनों की बदौलत 244 रन बनाए. दूसरी पारी में भारत ने चेतेश्वर पुजारा के 153, विराट कोहली के 96 रनों के चलते 421 रन बना दिए और साउथ अफ्रीका को 457 रनों का लक्ष्य दे दिया. लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीकी टीम की स्थिति डामाडोल थी लेकिन फाफ डु प्लेसी की134 और एबी डिविलियर्स की 104 रनों की पारी ने मैच का रुख मोड़ दिया. साउथ अफ्रीका सात विकेट 450 रन बना तो ले गया लेकिन मैच ना तो खुद जीत सका और ना ही भारत को जीतने दिया.

 

जोहानिसबर्ग दोबारा रहा भारत के नाम
सीरीज 2-0 से गवाने के बाद भारतीय टीम सीरीज का तीसरा और अंतिम टेस्ट मैच खेलने जोहानिसबर्ग पहुंची. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम 187 पर सिमट गई. टीम के लिए सबसे ज्यादा 54 और 50 रन चेतेश्वर पुजारा और कोहली ने बनाए. पहली पारी में साउथ अफ्रीका टीम भी कुछ खास न कर सकी और 194 रनों पर सिमट गई. भारत की तरफ से जसप्रीत बुमराह ने सबसे ज्यादा पांच विकेट चटकाए. दूसरी पारी में भारतीय टीम अंजिक्य रहाणे के 48 औक कोहली के 41 रनों की मदद से 247 रन बना पाई और ऑल आउट हो गई. साउथ अफ्रीका को 241 रनों का लक्ष्य मिला मगर डीन एल्गर के 86 और हाशिम आमला के 52 रनों की पारियों के बावजूद 177 पर सिमट गई और मैच 63 रनों से हार गई.