नई दिल्ली। साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे मैच में टीम इंडिया की साधारण गेंदबाजी और उसके बाद लचर बल्लेबाजी के चलते 31 रनों से हार का सामना करना पड़ा. इस तरह बतौर कप्तान अपने करियर के पहले वनडे मैच में हार के बाद कप्तान के एल राहुल ने बताया कि कहां उनकी टीम पीछे रह गई और किस जगह पर बल्लेबाजों ने उन्हें धोखा दिया. जिससे टीम को तीन वनडे मैचों की सीरीज के पहले मैच में हार का सामना करना पड़ा.
गेंदबाजों को मध्यक्रम में विकेट लेने होंगे
गौरतलब है कि साउथ अफ्रीका के एक समय 68 रन पर तीन विकेट गिर चुके थे. उसके बाद साउथ अफ्रीकी कप्तान टेम्बा बावुमा (110 रन) और रासी वैन दर दुसें (129 रन) ने शानदार 204 रनों की साझेदारी निभाई और भारत के गेंदबाजों को मध्यक्रम में कोई विकेट लेने नहीं दिया. इस तरह गेंदबाजी के दौरान मध्यक्रम में विकेट न मिलने पर निराशा व्यक्त करते हुए राहुल ने मैच के बाद कहा, "हम उनको 300 रनों के अंदर रोक पाए यह बड़ी बात है. हमारे गेंदबाजों ने कुछ 25 से 30 रन अधिक दिए लेकिन हमने खराब गेंदबाजी नहीं की. 290 से ज्यादा उन्हें नहीं पहुंचना चाहिए था, उनको 270 रनों तक रोका जा सकता था. इसके साथ ही हमें मध्यक्रम के ओवरों में विकेट लेना होगा,"
बल्लेबाजों ने किया निराश
इस तरह बावुमा और रासी के शतक से साउथ अफ्रीका ने भारत को जीत के लिए 297 रनों का लक्ष्य दिया. जिसका पीछा करते हुए भारत एक समय मजबूत स्थिति में लग रहा था. जब क्रीज पर कोहली और धवन के बीच 92 रनों की साझेदारी हुई थी. लेकिन जैसे ही 138 के स्कोर पर धवन (79 रन) आउट हुए उसके बाद 50 रन के अंदर भारत के 5 विकेट गिरे. जिससे भारतीय बल्लेबाजी का मध्यक्रम ताश के पत्ते की तरह बिखर गया. इस तरह बल्लेबाजों पर निराशा व्यक्त करते हुए राहुल ने कहा, "जिस तरह से हमारे बल्लेबाजों ने रन बनाए तो मध्य क्रम के बल्लेबाजों को संभालना था. पिच इतनी स्लो नहीं थी. मैंने कोहली और धवन से बात की तो उनका ऐसा मानना नहीं था. इसलिए मध्यक्रम में सुधार की जरूरत है."