गौतम गंभीर टीम इंडिया के नए हेड कोच बने हैं. कोच के तौर पर गंभीर के सामने कई चुनौतियां होगी. इनमें से एक चुनौती है तेज गेंदबाजों के वर्कलोड को मैनेज करना. राहुल द्रविड़ के कार्यकाल में भारत के गेंदबाजी कोच रहे पारस महाम्ब्रे का मानना है कि गंभीर की अगुआई वाली नई कोचिंग स्टाफ को मोहम्मद शमी से उनके खेल और भविष्य को लेकर साफ बात करनी चाहिए. इससे यह पता चल सकेगा कि वह कितने समय तक खेलना चाहते हैं और उन्हें स्मार्ट तरीके से इस्तेमाल किया जा सकेगा.
शमी का स्मार्ट तरीके से हो इस्तेमाल
गौतम गंभीर की अगुआई वाली भारतीय कोचिंग स्टाफ के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक उम्रदराज तेज गेंदबाजों संभालना होगा. इनमें मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज शामिल हैं. बुमराह और सिराज अभी भी 30 साल के ही हैं, लेकिन शमी 33 साल के हो गए हैं. शमी के वर्कलोड को देखते हुए उन्हें बड़े टूर्नामेंट से पहले पूरी तरह फिट और तरोताजा रखना जरूरी है. यही वजह है कि पारस महाम्ब्रे ने कुछ खास बातों को लेकर गंभीर को पहले ही चेतावनी दे डाली है. उन्होंने टेलीग्राफ के साथ बातचीत में कहा,
हम सभी जानते हैं कि शमी क्या कर सकते हैं, स्टाफ को उससे बात करनी चाहिए और पता लगाना चाहिए कि वह क्या करना चाहते हैं. वह अब युवा नहीं रहे. इसलिए वह कहां फिट बैठते हैं और वह कितने साल और खेलना चाहते हैं? हम उनका समझदारी से इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं? मुझे यकीन है कि जो भी गौती के साथ आएगा, वह शमी से बेहतर प्रदर्शन कराना सीख जाएगा. अगर अभी टेस्ट पर ध्यान है, तो सुनिश्चित करें कि वह ऑस्ट्रेलिया में होने वाली सीरीज के लिए बेस्ट फॉर्म में हो. गेंदबाज़ की मुख्य भूमिका विकेट लेना है. अगर आपमें वह स्किल नहीं हैं, तो आप टीम में नहीं रह पाएंगे.
बता दें कि मोहम्मद शमी फिलहाल टखने की सर्जरी से उबर रहे हैं और उन्होंने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच पिछले साल नवंबर में वनडे वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल में खेला था. जिसके बाद से ही वह क्रिकेट से दूर हैं.
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