गोल्ड कोस्ट। गुलाबी गेंद, डे-नाइट टेस्ट. मतलब इतिहास रचना तो तय ही था. भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने क्या खूबसूरत इतिहास रचा भी. अपने पहले ही पिंक बॉल टेस्ट में मिताली राज एंड कंपनी ने मजबूत ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में हार का खौफ महसूस करा दिया. अगर मौसम इजाजत देता तो ये खौफ हकीकत भी बन सकता था. बहरहाल, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच इकलौता टेस्ट मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ. चार दिवसीय टेस्ट के शुरुआती दोनों दिन तीसरे सत्र का पूरा खेल धुल गया था जिसके बाद नतीजे की संभावना पहले ही कम हो गई थी. हालांकि चौथे और आखिरी दिन रविवार को दोनों टीमों ने अपनी अपनी पारी घोषित कर मैच को रोचक बनाने की कोशिश की. मेजबान टीम को जीत के लिए टीम इंडिया ने 32 ओवर में 271 रन बनाने की चुनौती दी, जिसके जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम 2 विकेट खोकर 36 रन ही बना सकी. 15 ओवरों के खेल के बाद ही दोनों कप्तानों ने आपसी सहमति से ड्रॉ पर रजामंदी जता दी. ये भारतीय दिग्गज मिताली राज और झूलन गोस्वामी का आखिरी टेस्ट माना जा रहा है क्योंकि टीम इंडिया को अब अगला कई महीनों बाद खेलना है और ऐसा लगता नहीं है कि तब तक ये दोनों खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट खेलती रहेंगी.
4 विकेट पर 208 से 9 विकेट पर 240 रन
रविवार को चौथे और आखिरी दिन की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया ने तीन विकेट पर 143 रन से की. एलिस पैरी (नाबाद 68) और एश्ले गार्डनर (51) के बीच 89 रन की साझेदारी के बाद भारतीय तेज गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजी क्रम को चार विकेट पर 208 रन से नौ विकेट पर 240 रन तक पहुंचा दिया. मगर तभी मेजबान कप्तान मैग लैनिंग ने मैच के नतीजे की संभावना को बढ़ाने के लिए पारी घोषित कर दी. इस फैसले के बाद डिनर ब्रेक का भी ऐलान हो गया. तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने तीसरे दिन शुरुआती दो विकेट झटके थे. पूजा वस्त्राकर ने तीन खिलाड़ियों को आउट किया जबकि दीप्ति शर्मा और मेघना सिंह को दो-दो विकेट मिले. पहली पारी 8 विकेट खोकर 377 रनों पर घोषित करने वाली भारतीय टीम को पहली पारी के आधार पर 136 रन की बढ़त मिली.