सीनियर खिलाड़ी के तौर पर जिम्मेदारी लेना चाहती थी: झूलन

सीनियर खिलाड़ी के तौर पर जिम्मेदारी लेना चाहती थी: झूलन

भारतीय महिला टीम की अनुभवी तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने रविवार को कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे एकदिवसीय मैच में मिली हार के बाद यहां तीसरे और आखिरी एकदिवसीय में टीम को सांत्वना भरी जीत दिलाने में अहम योगदान देने की उन्हें खुशी है।

जीत के लिए 265 रन के लक्ष्य का पीछा करते भारत ने तीन गेंद शेष रहते आठ विकेट पर 266 रन बनाकर जीत दर्ज की। भारत की लक्ष्य का पीछा करते हुए यह सबसे बड़ी जीत है। इस जीत के बावजूद भारतीय टीम ने श्रृंखला 1-2 से गंवा दिया।

झूलन ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ हम बस आखिर तक मैच में बने रहने और सही तरीके से खेल खत्म करने की कोशिश कर रहे थे। शुक्रवार (दूसरे एकदिवसीय में) को गेंदबाजों के लिए परिस्थितियां मुश्किल थी और आज सीनियर गेंदबाज के तौर पर मैं उदाहरण पेश करना चाहती थी। मैं नयी गेंद का अच्छी तरह से इस्तेमाल करना चाहता थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे पता था कि मुझे विकेट मिल सकती हैं। मैंने यही किया था। मैदान में अपना सर्वश्रेष्ठ देना, सकारात्मकता बनाये रखना महत्वपूर्ण है और सीनियर खिलाड़ी के तौर में यही मैं यही करना चाहती थी।

भारतीय कप्तान मिताली राज को श्रृंखला गंवाने का मलाल है लेकिन उन्हें ऑस्ट्रेलिया के लगातार 26 मैचों में जीत के सिलसिले को रोकने की खुशी है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम बहुत खुश हैं। मैं लड़कियों से सिर्फ यही कह रही थी कि ऑस्ट्रेलिया की जीत का सिलसिला भारत के खिलाफ 2018 में शुरू हुआ था तो अब हमें ही उसे रोकना होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ बल्लेबाजी क्रम में थोड़ी गहराई होना अच्छा है। दीप्ति (31) ने रन बनाए और निश्चित रूप से यस्तिका (64) की शेफाली (56) के साथ साझेदारी (101 रन) बहुत महत्वपूर्ण थी। वहीं स्नेह राणा (30) की संक्षिप्त पारी टीम के लिए काफी अहम साबित हुआ।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि पिछले मैच ने हमें आज के मुकाबले में अच्छा करने (बोर्ड पर बड़ा स्कोर खड़ा करने) की हिम्मत दी।’’

ऑस्ट्रेलिया की कप्तान मेग लैनिंग ने कहा कि उनकी टीम के पास मैच जीतने के मौके थे, लेकिन वे महत्वपूर्ण मौकों पर फायदा नहीं उठा सके।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत को श्रेय दिया जाना चाहिये। मुझे लगा कि उन्होंने गेंद से अच्छा प्रदर्शन करने के बाद बल्ले संघर्ष करना नहीं छोड़ा। वे जीत के हकदार थे।’’