भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने बॉलिंग और बैटिंग में एकजुट खेल के बूते इंग्लैंड को पहले वनडे मुकाबले में सात विकेट से हरा दिया. टीम इंडिया ने स्मृति मांधना (91), हरमनप्रीत कौर (नाबाद 74) और यस्तिका भाटिया (50) के अर्धशतकों की मदद से 227 रन के लक्ष्य को 34 गेंद बाकी रहते हासिल कर लिया. कप्तान हरमनप्रीत ने छक्का लगाकर मैच खत्म किया. उन्होंने 94 गेंद की पारी में सात चौके और एक छक्का लगाया और मैच फिनिश किया. इस जीत से भारतीय टीम तीन मैच की सीरीज में 1-0 से आगे हो गई. इससे पहले अनुभवी तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने अपनी अंतिम अंतरराष्ट्रीय सीरीज के पहले मैच में प्रभावित किया लेकिन इंग्लैंड की महिला टीम निचले मध्यक्रम के बल्लेबाजों के अच्छे प्रदर्शन से सात विकेट पर 226 रन बनाने में सफल रही. भारत की 39 साल की दिग्गज झूलन ने 10 ओवर में सिर्फ 20 रन देकर एक विकेट हासिल किया. इस दौरान 42 डॉट गेंद (जिन गेंदों पर रन नहीं बने हों) फेंकी. दीप्ति शर्मा ने उनका अच्छा साथ निभाते हुए 33 रन देकर दो विकेट चटकाए.
भारत ने लक्ष्य का पीछा करते हुए शेफाली वर्मा को दूसरे ही ओवर में गंवा दिया. केट क्रॉस की गेंद पर वह एक रन बनाकर आउट हो गईं. लेकिन तीसरे नंबर पर आईं यस्तिका भाटिया ने स्मृति मांधना के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए तेजी से 96 रन की साझेदारी की. इस दौरान स्मृति ने जहां रनगति को बनाए रखने पर जोर दिया जबकि यस्तिका ने तेजी से रन बटोरे. उन्होंने चौका लगाकर 45 गेंदों में 50 रन पूरे किए. हालांकि फिफ्टी पूरा करने के दो गेंद बाद ही वह चार्ली डीन की गेंद पर बोल्ड हो गईं. यस्तिका ने 47 गेंद में आठ चौकों और एक छक्के से 50 रन बनाए.
शतक से चूकीं मांधना
हरमनप्रीत कौर ने मांधना के साथ मिलकर रनगति को धीमे नहीं होने दिया. इन दोनों अनुभवी बल्लेबाजों के बीच तीसरे विकेट के लिए 99 रन की साझेदारी हुई. इस दौरान स्मृति ने 61 गेंद में अपना पचासा पूरा किया. उन्होंने डीन की गेंद पर मिड ऑफ के ऊपर से चौका बटोरकर 50 रन पूरे किए. उन्होंने 35वें ओवर में इसी वॉन्ग की गेंद पर अपनी पारी का पहला छक्का लॉन्ग ऑन के ऊपर से लगाया. लग रहा था कि वह शतक पूरा कर लेंगी लेकिन केट क्रॉस ने कैच कराकर उनकी पारी का खात्मा किया. स्मृति ने अपनी पारी में 99 गेंद का सामना किया और 10 चौकों और एक छक्के से 91 रन बनाए.
भारत की बढ़िया बॉलिंग
विकेट पर बल्लेबाजी आसान नहीं है और गेंद बल्ले पर आसानी से नहीं आ रही और ऐसे में भारत की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया. झूलन की गेंद पर एक भी चौका या छक्का नहीं लगा और उन्होंने अनुभवी सलामी बल्लेबाज टैमी ब्यूमोंट (07) को पगबाधा किया. तेज गेंदबाज मेघना सिंह (आठ ओवर में 42 रन पर एक विकेट) ने दूसरी सलामी बल्लेबाज ऐमा लैंब (12) को शॉर्ट गेंद पर विकेटकीपर यस्तिका भाटिया के हाथों कैच कराया. इसके बाद झूलन ने दो स्पिनरों दीप्ति और राजेश्वरी गायकवाड़ (40 रन पर एक विकेट) के साथ मिलकर रन गति पर अंकुश लगाया.
इंग्लैंड के लॉअर ऑर्डर ने किया परेशान
हालांकि मेघना के अलावा स्नेह राणा (छह ओवर में 45 रन पर एक विकेट) और पूजा वस्त्रकार (दो ओवर में 20 रन पर कोई विकेट नहीं) महंगी साबित हुई जिससे मेजबान टीम ने अंत में 220 से अधिक का स्कोर बनाया. इंग्लैंड के लिए डैनी वाट (50 गेंद में 43 रन), एलिस डेविडसन-रिचर्ड्स (61 गेंद पर नाबाद 50) और सॉफी एक्लेस्टन (31) ने उल्लेखनीय योगदान दिया. चार्ली डीन ने अंत में 21 गेंद में नाबाद 24 रन बनाए.
भारतीय टीम थोड़ी निराशा होगी क्योंकि इंग्लैंड का स्कोर 34वें ओवर में छह विकेट पर 128 रन था लेकिन सातवें, आठवें और नौवें नंबर की बल्लेबाजों ने 100 से अधिक रन जोड़कर टीम को चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंचाया. डेविडसन-रिचर्ड्स ने एक्लेस्टन के सातवें विकेट के लिए 50 और आठवें विकेट के लिए डीन के साथ नाबाद 49 रन की साझेदारी की.