20 साल के करियर में अंतिम मैच से पहले झूलन का छलका दर्द, बताई अधूरी ख्वाहिश

20 साल के करियर में अंतिम मैच से पहले झूलन का छलका दर्द, बताई अधूरी ख्वाहिश

भारतीय महिला क्रिकेट की महान तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी (Jhulan Goswami) अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का अंतिम मैच 24 सितंबर को लॉर्ड्स के मैदान पर खेलेंगी. इस तरह झूलन ने अपने 20 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान कभी भी वर्ल्ड कप ट्रॉफी को ना जीतना सबसे बड़ा मलाल बताया. लॉर्ड्स में अंतिम मैच से पहले झूलन ने प्रेसकांफ्रेंस के दौरान कहा कि वनडे वर्ल्ड कप 2005 और 2017 के एडिशन में टीम के उपविजेता रहने का मलाल उन्हें हमेशा रहेगा.

39 साल की हो चुकी झूलन ने कहा, "मैंने दो विश्व कप फाइनल खेले हैं लेकिन ट्रॉफी नहीं जीत सकी. मुझे बस इसी का मलाल हैं क्योंकि आप चार साल तक विश्व कप की तैयारी करते हैं. बहुत मेहनत होती है. प्रत्येक क्रिकेटर के लिए विश्व कप जीतना एक सपने के सच होने जैसा क्षण होता है. जब मैंने शुरुआत की थी तो इतने लंबे समय तक खेलने के बारे में कभी नहीं सोचा था. यह बहुत अच्छा अनुभव था. मैं खुद को भाग्यशाली समझती हूं कि इस खेल को खेल सकी. ईमानदारी से कहूं तो बेहद साधारण परिवार और  चकदा (पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में) जैसे एक छोटे से शहर से होने के कारण मुझे महिला क्रिकेट के बारे में कुछ भी पता नहीं था.’’

इंग्लैंड के खिलाफ ही किया था डेब्यू
झूलन ने साल 2002  में इंग्लैंड महिला टीम के खिलाफ चेन्नई में होने वाले वनडे मैच से डेब्यू किया था. जिसके बाद अब वह अपना अंतिम मैच भी इंग्लैंड महिला टीम के खिलाफ ही खेलेंगी. ऐसे में अपने डेब्यू मैच को याद करते हुए झूलन ने कहा, "मेरी सबसे अच्छी याद तब है जब मुझे भारत के लिए खेलने का मौका मिला और मैंने पहला ओवर फेंका क्योंकि मैंने कभी नहीं सोचा था (कि मैं भारत के लिए खेलूंगी). मेरी क्रिकेट यात्रा कठिन रही है क्योंकि अभ्यास के लिए मुझे लोकल ट्रेन से ढाई घंटे की यात्रा करनी पड़ती थी.’’

 

बता दें कि महिला टीम इंडिया इन दिनों इंग्लैंड के दौरे पर है. जहां पर टी20 सीरीज हारने के बाद हरमनप्रीत की कप्तानी वाली महिला टीम इंडिया ने तीन वनडे मैचों की सीरीज के दो मैच लगातार जीतकर साल 1999 के बाद पहली बार इंग्लैंड में वनडे सीरीज जीती. इसका अंतिम मैच 25 सितंबर को लॉर्ड्स में खेला जाएगा.