IPL 2024 : महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने साल 2007 में जब पहली बार होने वाले आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया. उसके बाद टी20 क्रिकेट की दुनियाभर में धूम मच गई थी. इस दौरान भारत में साल 2007 में ही एक टी20 फॉर्मेट वाली इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) का आगाज हुआ. जिसमें चकाचौंध और अधिक पैसा मिलने के कारण तमाम भारतीय घरेलू क्रिकेटर्स जैसे कि अंबाती रायुडू, रोहन गावस्कर और स्टुअर्ट बिन्नी भी उसमें खेलते नजर आए थे. जिसके बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने बड़ा कदम उठाया और आईसीएल जैसी लीग की जगह देश में आईपीएल का उदय हुआ.
बीसीसीआई ने बागी लीग को किया बंद
दरअसल, ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने साल 2007 में इंडियन क्रिकेट लीग की नींव बिना किसी इजाजत के रखी. इस लीग में जब बीसीसीआई के अंडर आने वाले घरेलू खिलाड़ी जाने लगे तो बोर्ड ने कड़ा रुख अपनाया. क्योंकि आईसीएल को बीसीसीआई या फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं थी. जबकि बीसीसीआई की कमेटी के भी जब कुछ लोग इस लीग के प्रशासन विभाग में जुड़ने लगे तो उसने इसे बागी लीग का तमगा दिया. जबकि खिलाड़ियों को आईसीएल में जाने से रोकने के लिए बीसीसीआई ने न सिर्फ घरेलू क्रिकेट खिलाड़ियों की मैच फीस बढ़ाई, बल्कि ये शर्त रखी कि अगर कोई भी घरेलू खिलाड़ी आईसीएल में खेलता है तो उसे भारतीय क्रिकेट से जिंदगी भर के बैन कर दिया जाएगा.
वनडे आईसीएल का भी था प्लान
इस तरह बीसीसीआई द्वारा कड़े नियम बनाने से आईसीएल के सिर्फ दो सीजन ही खेले जा सके. साल 2008 में आईपीएल के आगाज के अगले साल 2009 में आईसीएल जैसी लीग भारत में समाप्त हो गई. इस लीग में सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के भी घरेलू खिलाड़ियों की टीम खेलती थी. कुल 9 टीमों के बीच होने वाले इस टूर्नामेंट के क्लब पाकिस्तान के लाहौर और बांग्लादेश के ढाका शहर में भी रहे. इतना ही नहीं आईसीएल ने 50 ओवरों का टूर्नामेंट कराने की भी योजना बनाई थी लेकिन तमाम प्रतिबंधों के चलते ये बागी लीग फिर विलुप्त हो गई.
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