पंजाब किंग्स ने गुजरात टाइटंस को आईपीएल 2024 के रोमांचक मुकाबले में तीन विकेट से हरा दिया. पंजाब ने एक गेंद पहले जीत हासिल की. शशांक सिंह और आशुतोष शर्मा ने मिलकर गुजरात के मुंह से जीत छीन ली. गुजरात के दिए 200 रन के टारगेट को पंजाब ने 19.5 ओवर में हासिल किया. पंजाब के शशांक ने 29 गेंदों पर नॉटआउट 61 रन ठोके, जबकि आशुतोष शर्मा ने 17 गेंदों पर 31 रन ठोके. आशुतोष ने उस समय तूफानी बैटिंग की, जब टीम मुश्किल में फंसी थी और शशांक अकेले संघर्ष कर रहे थे. उन्होंने एक बार फिर खुद को साबित कर दिया है.
15 सितंबर 1998 को मध्य प्रदेश के रतलाम में जन्में आशुतोष 11 गेंदों में फिफ्टी जड़कर युवराज सिंह का रिकॉर्ड भी तोड़ चुके हैं. आशुतोष इस समय अपने सपने को जी रहे हैं. कभी उन्हें चंद्रकांत पंडित की वजह से अपनी घरेलू टीम तक छोड़नी पड़ी थी. होमटाउन में मौकों की कमी के चलते बचपन में ही इंदौर शिफ्ट होने वाले आशुतोष ने 8 साल की उम्र में मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की एकेडमी में ट्रेनिंग शुरू कर दी थी. हिन्दुस्तान टाइम्स को कुछ समय पहले दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि जब उन्होंने घर छोड़ा, उस वक्त उनके पास ज्यादा पैसे नहीं थे. वो कैंप में जाया करते और दोपहर के खाने के लिए अंपायरिंग शुरू कर दी थी.
चंद्रकांत पंडित के चलते छोड़ी थी टीम
आशुतोष ने अपने दम पर मध्यप्रदेश को कई जीत दिला थी, मगर साल 2019 में लगातार अच्छे प्रदर्शन के बावजूद उन्हें मध्यप्रदेश की टीम में मौका नहीं मिला. साल 2020 में चंद्रकांत पंडित मध्य प्रदेश के कोच बने थे. उनके आने के बाद आशुतोष को मध्यप्रदेश की टीम में मौका नहीं मिला. करीब तीन साल इंतजार करने के बावजूद जब उनका बुलावा नहीं आया तो उन्हें मजबूरन मध्यप्रदेश की टीम को छोड़कर रेलवे में शामिल होना पड़ा. एक इंटरव्यू में आशुतोष ने कहा था कि मध्यप्रदेश के लिए उनकी आखिरी पारी 84 रन की थी. चंद्रकांत पंडित के अपने तरीके हैं. वो उन्हें किसी भी फॉर्मेट में टीम में नहीं चाहते थे. उनके लिए ये सबसे ज्यादा निराशजनक था. पिछले साल सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में आशुतोष ने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ 11 गेंदों में फिफ्टी जड़कर युवराज सिंह का टी20 क्रिकेट में सबसे तेज फिफ्टी का 16 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया था.
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