नई दिल्ली। धोनी जीत गए. एक बार फिर से. न सिर्फ कोलकाता से, बल्कि पिछले साल प्लेऑफ में न पहुंच पाने की शर्मिंदगी से भी. धोनी जीते उन सवालों से जो उनकी नाकामी को लेकर उठाए जाते रहे. और धोनी उन तानों से भी जीते जो उनकी डैड आर्मी को लेकर लगते रहे. धोनी हर किसी से जीत गए. आईपीएल 2021 का खिताब 27 रन से चेन्नई सुपरकिंग्स ने अपने नाम किया. कोलकाता नाइटराइडर्स की टीम फाइनल में जीत का सौ प्रतिशत रिकॉर्ड कायम नहीं रख सकी. देश में दशहरे की खुशियां और धोनी का 10वां आईपीएल फाइनल. दोहरा धमाका तो होना ही था. 40 साल के धोनी ने अपनी कप्तानी में चेन्नई को उसका चौथा खिताब दिलाया और ये भी बताया कि फाइनल ऐसे ही जीते जाते हैं. चेन्नई ने जब 3 विकेट पर 192 रन बनाए तब भी ये जीत तो तभी पक्की हो गई थी. फिर जब केकेआर के ओपनरों ने 10.4 ओवर में 91 रन जोड़कर खिताब की ओर दौड़ना शुरू किया तो धोनी ने अपने फैसलों से इस टीम के कदम पहले धीमे किए और फिर रोक दिए. कोलकाता की पूरी टीम 20 ओवर में 9 विकेट खोकर 165 रन बना सकी और 27 रन से ये मैच गंवा बैठी. चेन्नई की इस जीत ने रिकॉर्ड पांच बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस के साथ चल रही खिताबों की उसकी रेस को और भी करीबी बना दिया है. दिलचस्प बात है कि धोनी ने ये ट्रॉफी चेन्नई से लगभग तीन हजार किलोमीटर दूर दुबई में जाकर जीती.
ये और बात थी कि आईपीएल इतिहास में फाइनल में 180 से ज्यादा का लक्ष्य सिर्फ दो ही बार चेज हुआ था. और दोनों बार कोलकाता ने किया था. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. हालांकि भारतीय बल्लेबाजी की नई सनसनी वेंकटेश अय्यर ने महज 32 गेंदों पर 50 रन ठोककर उम्मीद जगाई. इसे शुभमन गिल ने 43 गेंद पर 51 रन बनाकर हवा भी दी. लेकिन इन दोनों के बाद बाकी बल्लेबाज ऐसे पवेलियन लौटे जैसे रन बनाने की जिम्मेदारी टीम फ्रेंचाइजी ने सिर्फ ओपनरों को सौंपी थी. नीतीश राणा, सुनील नारायण, कप्तान ऑएन मॉर्गन, दिनेश कार्तिक, शाकिब अल हसन और राहुल त्रिपाठी दोहरे अंकों तक पहुंचने के भी मोहताज हो गए. चेन्नई के लिए शार्दुल ठाकुर ने तीन और रवींद्र जडेजा ने दो विकेट लिए.
चेन्नई का चौथा खिताब
2010: फाइनल में मुंबई इंडियंस को 22 रनों से हराया.
2011: रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को 58 रन से हराकर जीती ट्रॉफी.
2018: हैदराबाद के खिलाफ खिताबी मुकाबले में आठ विकेट से मारी बाजी.
2021: कोलकाता को 27 रन से दी शिकस्त.
चेन्नई की शुरुआत तूफानी हुई थी
हौसले बुलंद हों तो कंधे झुकाना आसान नहीं होता. टॉस हारने के बाद जब चेन्नई के लिए फाफ डुप्लेसी और ऋतुराज गायकवाड़ की जोड़ी ओपनिंग करने उतरी तो इरादे कुछ ऐसे ही थे. शुरुआती दो ओवर तो पिच का मिजाज भांपने में लगाए गए. और इसके बाद का वक्त लिया अपने तेवर दिखाने में. गायकवाड़ ने शाकिब अल हसन की गेंद पर चौका और फिर डीप मिडविकेट पर छक्का जड़ा तो रन बरसने की शुरुआत हुई. जल्द ही केएल राहुल भी पीछे छूट गए. फाइनल से पहले तक पंजाब किंग्स के कप्तान के पास ही 626 रनों की ऑरेंज कैप थी. ऋतुराज 24 साल 257 दिनों के साथ ही आईपीएल इतिहास के सबसे कम उम्र के ऑरेंज कैप विनर भी बन गए. दोनों ने पावरप्ले में चेन्नई का स्कोर 50 रन तक पहुंचाया. लेकिन इसके बाद गेंद वरुण चक्रवर्ती और सुनील नारायण ने थाम ली. रनों पर अंकुश लगा तो नारायण ने अपने दूसरे ओवर में गायकवाड़ को लांग ऑफ पर शिवम मावी के हाथों कैच करा दिया. उन्होंने 27 गेंदों पर 32 रन बनाए. दोनों ने पहले विकेट के लिए 61 रन की तेज साझेदारी की.
फाफ का पचासा और उथप्पा का धमाका
कोलकाता की टीम ऋतुराज को आउट कर खुश तो खूब हुई, लेकिन मुस्कुराहट को चेहरे का साथ छोड़ने में ज्यादा वक्त नहीं लगा. वो इसलिए क्योंकि रोबिन उथप्पा तो जैसे छक्कों की बरसात करने की कसम खाकर उतरे थे. फाफ और उथप्पा ने शाकिब अल हसन की गेंदों पर छक्के जड़े तो दूसरा स्पैल करने आए लॉकी फग्युर्सन के ओवर में डुप्लेसी ने दो चौके लगाने के बाद लांग ऑफ पर छक्का जड़कर 35 गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया. चेन्नई 11वें ओवर में तिहाई अंक में पहुंच गया. उथप्पा ने चक्रवर्ती पर छक्का लगाकर उनका गेंदबाजी रिकॉर्ड बिगाड़ा और फिर नारायण की गेंद भी छह रन के लिए भेजी लेकिन इस गेंदबाज ने तुरंत ही उन्हें एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया. उथप्पा ने 3 छक्कों की सजी अपनी 15 गेंदों पर 31 रन की पारी से दो काम किए. एक तो ऋतुराज का विकेट गिरने के बाद उन्होंने चेन्नई की ओर से काउंटर अटैक किया. और दूसरा बीच के ओवरों में रनगति को कमजोर नहीं पड़ने दिया, जिससे बड़े स्कोर की नींव रखी गई. उथप्पा जब आउट होकर पवेलियन लौटे तब चेन्नई का स्कोर 13.3 ओवर में दो विकेट पर 124 रन हो गया था. उथप्पा और फाफ ने 63 रन जोड़े.
मोईन की आतिशबाजी, फाफ का खौफ
फाफ डुप्लेसी ने तो मानो आईपीएल के इस सीजन का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन फाइनल के लिए बचाकर रखा था. फाफ शिवम मावी के ओवर में पारी की आखिरी गेंद पर लांग ऑन पर वेंकटेश अय्यर को कैच देकर आउट हुए. उन्होंने 59 गेंदों पर 86 रन बनाए जिसमें सात चौके और तीन छक्के शामिल हैं. डुप्लेसी (633 रन) के पास अपने साथी गायकवाड़ (635) को पीछे छोड़कर ऑरेंज कैप हासिल करने का मौका था लेकिन मावी ने आखिरी ओवर में केवल सात रन दिए और फाफ को आउट भी किया. दक्षिण अफ्रीका के इस अनुभवी बल्लेबाज ने मोईन अली के साथ तीसरे विकेट के लिए 68 की अहम साझेदारी की. मोईन ने भी 20 गेंदों पर 2 चौके और 3 छक्कों की मदद से 37 रनों की नाबाद पारी खेली. कोलकाता के गेंदबाजों का हाल काफी बुरा रहा. टीम के लिए लॉकी फग्युर्सन सबसे महंगे साबित हुए. उन्होंने रन लुटाने में बिल्कुल भी कंजूसी नहीं दिखाई. चार ओवर में 56 रन आए. वरुण चक्रवर्ती ने 4 ओवर में 38 रन खर्च किए. सुनील नारायण सबसे सफल रहे. उन्होंने 4 ओवर में 26 रन देकर दो विकेट लिए.
प्लेयर ऑफ द मैच : फाफ डुप्लेसी
बेस्ट कैच ऑफ द सीजन: रवि बिश्नोई.
फेयरप्ले अवॉर्ड: राजस्थान रॉयल्स
इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द सीजन: ऋतुराज गायकवाड़
गेमचेंजर ऑफ द सीजन: हर्षल पटेल