नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) एक ऐसा मंच है, जिसमें हर साल घरेलू क्रिकेट से निकलकर कोई न कोई युवा खिलाड़ी यादगार प्रदर्शन कर जाता है. आईपीएल से पहले जिसका नाम भी लोगों ने नहीं सुना होता है वह खिलाड़ी कुछ मैचों में ही अपनी गुमनामी से निकलकर विश्व पटल पर छा जाता है. फिर चारों तरफ एक ही सवाल लोग पूछते हैं कि आखिर यह खिलाड़ी कौन है और कहां से आया है. इसका तो नाम भी नहीं सुना था लेकिन आईपीएल में इसने अपने खेल से कोहराम मचा रखा है. कुछ इसी तरह की चर्चा इन दिनों कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के लिए सलामी बल्लेबाजी और मध्यम गति की तेज गेंदबाजी करने वाले वेंकटेश अय्यर के नाम पर हो रही है. क्वालीफायर 2 में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ शारजाह की पेचीदा पिच पर अय्यर का बल्ला ऐसा बोला कि विकेट के पीछे खड़े कप्तान ऋषभ पंत भी देखते रह गए. वहीं केकेआर के लिए यह बल्लेबाज दूसरे चरण में काफी लकी साबित हुआ और कहीं न कहीं उनकी बदौलत ही टीम ने फाइनल तक का सफर भी तय कर लिया है.
शारजाह में अय्यर लाए बल्ले से तूफ़ान
शारजाह की धीमी पिच पर जहां दिल्ली की टीम सिर्फ 135 रन ही बना सकी. उसी पिच पर केकेआर के लिए शुभमन गिल के साथ सलामी बल्लेबाजी करने उतरे वेंकटेश अय्यर ने बल्ले से तूफान ला दिया. अय्यर ने आते ही दिल्ली के गेंदबाजों पर हमला बोलना शुरू किया और महज 38 गेंदों पर ही अपने आईपीएल करियर के 9वें मैच में तीसरी फिफ्टी जड़ डाली. हालांकि इसके बाद अय्यर लंबी पारी नहीं खेल सके और 41 गेंदों में 55 रन बनाकर चलते बने. लेकिन तब तक मैच में उन्होंने गिल (48 रन) के साथ पहले विकेट के लिए 96 रन की साझेदारी करके केकेआर के जीत की मजबूत नींव रख दी थी. हालांकि मैच अंत तक रोमांचक मोड़ पर गया और केकेआर को अंतिम दो गेंद पर छह रन चाहिए थे तभी राहुल त्रिपाठी ने छक्का मारकर फाइनल का टिकट दिला दिया.
केकेआर के ओपनर का रहा है जलवा
आईपीएल इतिहास की अगर बात करें तो केकेआर की टीम से कई युवा सितारे निकलकर सामने आते रहे हैं. सलामी बल्लेबाजी में भी केकेआर ने कई ऐसे फैसले लिए जिसने सभी को हैरान कर दिया लेकिन टीम को काफी फायदा हुआ. एक समय था जब केकेआर के लिए ब्रैंडन मैकुलम फिर मानविंदर बिस्ला और उसके बाद सुनील नारायण ने ओपनिंग करते हुए काफी धमाल मचाया. नारायण ने भी केकेआर को निराश नहीं किया और उसके बाद राहुल त्रिपाठी ने भी कुछ दिनों तक ओपनिंग की. मगर इस सीजन आईपीएल के पहले चरण में केकेआर की टीम एक मजबूत ओपनिंग बल्लेबाज की तलाश में थी. ऐसे में उसने आईपीएल के दूसरे चरण में वेंकटेश अय्यर पर दांव खेला, जो सोलह आने खरा साबित हुआ. दिलचस्प बात है कि अय्यर इस सीजन में भारत में हुए मैचों में से एक भी नहीं खेले थे.