टीम इंडिया (Team India) के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत (Rishab Pant) राष्ट्रीय टीम के लिए तीनों फॉर्मेट में विकेटकीपर के तौर पर पहली पसंद बन चुके हैं. पंत लगातार व्हाइट गेंद क्रिकेट में कमाल कर रहे हैं और हम टेस्ट क्रिकेट में भी उनका उम्दा प्रदर्शन देख चुके हैं. हालांकि दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान के लिए शुरुआती दिन बेहद मुश्किल थे और साल 2019-20 में उन्हें अपनी फिटनेस के चलते काफी परेशानी से गुजरना पड़ा था. साल 2017 में पहली बार पंत खबरों में आए जहां अगले साल ही उन्होंने भारत के लिए खेलना शुरू कर दिया. पंत ने साल 2018 एडिशन में 684 रन बनाए थे. इसमें उनके नाम एक शतक और 5 अर्धशतक शामिल थे.
पंत यहीं नहीं रुके, इसके बाद भी उनका बल्ला चला और उन्होंने टेस्ट फॉर्मेट में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक जड़ा. इस तरह पंत की जगह टीम इंडिया में पक्की हो गई. आईपीएल में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन के चलते उन्हें टीम में जगह मिलने लगी. और ये उस वक्त था जब धोनी टीम में शामिल थे. लेकिन साल 2019 वर्ल्ड कप के दौरान इस खिलाड़ी को जब टीम से ड्रॉप किया गया तो इसके बाद उन्हें टीम में वापसी करने में एक साल से भी लंबे वक्त का समय लगा. इस दौरान साहा को 2020-21 ऑस्ट्रेलियाई दौरे के लिए टीम में लिया गया.
खुद पर दिया ध्यान
पंत ने इसके बाद रवि शास्त्री की कोचिंग में खुद पर ध्यान दिया और फिटनेस साबित की. इसके बाद मेलबर्न टेस्ट के बाद इस खिलाड़ी ने कभी वापस मुड़कर नहीं देखा. पंत ने अब अपने करियर के सबसे मुश्किल दौर को लेकर बड़ा खुलासा किया है. पंत ने कहा कि, उस दौरान मैं किसी से भी बात नहीं करना चाहता था और सिर्फ धोनी भाई और रोहित से बात कर रहा था. मेरे लिए वो बेहद मुश्किल दौर था. मैंने सिर्फ खुद पर भरोसा किया था और मैं दुनिया के सामने खुद को पेश करना चाहता था. मैं अपने मौके का इंतजार कर रहा था.