नई दिल्ली. इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League) की सबसे सफल टीम के तौर पर मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) का नाम दर्ज है. मुंबई ने रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की कप्तानी में सर्वाधिक पांच बार ये प्रतिष्ठित ट्रॉफी अपने नाम की है. रोहित शर्मा को मुंबई इंडियंस ने साल 2011 की नीलामी में अपने साथ जोड़ा था और 2013 में उन्हें टीम की कमान सौंप दी गई थी. हालांकि मुंबई के रोहित को लेने से पहले ही ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज एडम गिलक्रिस्ट (Adam Gilchrist) ने रोहित शर्मा की कप्तानी क्षमता को पहचान लिया था. यही वजह है कि गिलक्रिस्ट ने रोहित शर्मा को डेक्कन चार्जर्स (Deccan Chargers) का कप्तान बनाने को हरी झंडी दे दी थी. इस बात का खुलासा डेक्कन चार्जर्स के पूर्व गेंदबाज प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha) ने किया है. इसका ये भी मतलब हुआ कि अगर रोहित शर्मा नीलामी में नहीं जाते तो वो मुंबई इंडियंस की जगह डेक्कन चार्जर्स के कप्तान होते.
गिलक्रिस्ट ने कर ली थी पहचान
दरअसल, रोहित शर्मा को आईपीएल के साल 2008 के पहले सीजन में डेक्कन चार्जर्स ने 75 लाख डॉलर में अपने साथ जोड़ा था. इस बारे में क्रिकबज से बातचीत में प्रज्ञान ओझा ने कहा, एडम गिलक्रिस्ट ने अपने कप्तानी के उत्तराधिकारी के तौर पर रोहित शर्मा की पहचान कर ली थी. एक बल्लेबाज के तौर पर वो असाधारण थे. तब मुंबई की घरेलू टीम के कप्तान के तौर पर भी उनका नाम नहीं था. लेकिन जब एडम गिलक्रिस्ट डेक्कन चार्जर्स के कप्तान थे तब उन्होंने रोहित को थिंंक टैंक का अहम हिस्सा बनाया. गिलक्रिस्ट ने महसूस किया कि रोहित जिस तरह बल्लेबाजी करते हैं और जिस स्पष्ट सोच के साथ उतरते हैं वो उनकी लीडरशिप क्वालिटीज को दर्शाता है. वो दबाव को अच्छी तरह संभालते हैं. इसका मतलब साथ था कि वो कप्तान बन सकते थे.
हर कोई जानता था कि रोहित के लिए बोली लगाएगी मुंबई
प्रज्ञान ओझा ने साथ ही कहा कि अगर आईपीएल के तीसरे सीजन के बाद नीलामी नहीं हुई होती तो रोहित शायद मुंबई इंडियंस से पहले डेक्कन चार्जर्स की कप्तानी संभाल रहे होते. वो इसलिए क्योंकि एडम गिलक्रिस्ट कह चुके थे कि रोहित अब तैयार हैं. लेकिन नीलामी में किसी के हाथ में कुछ नहीं होता और हर कोई जानता था कि मुंबई इंडियंस रोहित शर्मा के लिए बोली लगाएगी क्योंकि सचिन तेंदुलकर के बाद फ्रेंचाइजी जानती थी कि रोहित उनके सही उत्तराधिकारी हो सकते हैं.